वॉशिंगटन: अमेरिका में एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसॉम आमने-सामने आ गए हैं।
लॉस एंजिलिस में फैली हिंसा के बाद ट्रंप प्रशासन द्वारा नेशनल गार्ड और मरीन की तैनाती ने अमेरिका में एक नया संवैधानिक संकट खड़ा कर दिया है।
सोमवार को कैलिफोर्निया सरकार ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर करते हुए आरोप लगाया कि राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है और नेशनल गार्ड की तैनाती असंवैधानिक है।
⚖️ “ट्रंप प्रशासन ने अधिकारों का उल्लंघन किया” – कैलिफोर्निया का दावा
अटॉर्नी जनरल रोब बोंटा ने कहा कि संघीय सरकार ने राज्य सरकार को दरकिनार करते हुए सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया।
उन्होंने कहा,
“यह फैसला राज्य के अधिकारों को कुचलने वाला है और संविधान के खिलाफ है।”
कैलिफोर्निया सरकार का कहना है कि लॉस एंजिलिस में जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वे न तो विद्रोह की श्रेणी में आते हैं, न ही स्थिति इतनी गंभीर है कि राष्ट्रपति खुद सेना तैनात करें।
🪖 नेशनल गार्ड की तैनाती – नियम क्या कहते हैं?
ट्रंप प्रशासन ने संविधान की धारा 12406 का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति को नेशनल गार्ड बुलाने का अधिकार है, जब
विद्रोह हो,
विदेशी आक्रमण हो,
या जब संघीय कानून लागू करवाने में बाधा हो।
कैलिफोर्निया का तर्क है कि इनमें से कोई भी स्थिति वर्तमान में लागू नहीं होती, इसलिए यह तैनाती अवैध है।
🔥 मरीन कमांडो की तैनाती से और भड़का मामला
कैलिफोर्निया द्वारा मुकदमा दायर करने के कुछ ही घंटों बाद ट्रंप प्रशासन ने 700 मरीन कमांडो तैनात करने का आदेश दे दिया।
इससे विवाद और गहराता नजर आ रहा है।
गवर्नर न्यूसॉम ने कहा है कि वह मरीन की तैनाती पर भी कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं।
🚨 क्या गवर्नर की गिरफ्तारी होगी? ट्रंप का बयान बना विवाद
इस पूरे विवाद के बीच राष्ट्रपति ट्रंप का एक बयान और आग में घी डाल गया।
उन्होंने गवर्नर न्यूसॉम की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए कहा:
“अगर मैं टॉम होमन (प्रवर्तन निदेशक) होता तो उन्हें गिरफ्तार करवा देता। यह एक बढ़िया कदम होगा।”
हालांकि, बाद में टॉम होमन ने साफ किया कि गेविन न्यूसॉम को गिरफ्तार करने का कोई इरादा नहीं है।
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