‘कार हादसे से क्रिकेट मैदान तक!’ – ऋषभ पंत की जबरदस्त वापसी का सम्मान

टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत इस समय दुबई दौरे पर हैं, जहां वह चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारतीय टीम का हिस्सा हैं। इसी बीच पंत के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उन्हें लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड 2025 के लिए ‘कमबैक ऑफ द ईयर’ कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है।

भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का पल
ऋषभ पंत लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट होने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं। उनसे पहले सचिन तेंदुलकर को 2020 में ‘स्पोर्टिंग मोमेंट’ कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था। वहीं, पंत भारत के सिर्फ चौथे एथलीट हैं जिन्हें इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया है। इससे पहले नीरज चोपड़ा और विनेश फोगाट को भी इस पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया जा चुका है।

लॉरियस वर्ल्ड कमबैक ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2025 के नॉमिनी:
रेबेका एंड्राडे (ब्राजील) – जिमनास्टिक्स
कैलेब ड्रेसेल (अमेरिका) – तैराकी
लारा गुट-बेरहमी (स्विट्जरलैंड) – अल्पाइन स्कीइंग
मार्क मार्केज (स्पेन) – मोटर साइकिलिंग
ऋषभ पंत (भारत) – क्रिकेट
एरियन टिटमस (ऑस्ट्रेलिया) – तैराकी
ऋषभ पंत की क्रिकेट में जबरदस्त वापसी
दिसंबर 2022 में ऋषभ पंत का एक भीषण कार एक्सीडेंट हुआ था। यह दुर्घटना रुड़की के पास हाईवे पर हुई थी, जिसमें पंत को सिर, घुटने, पिंडली और पीठ में गंभीर चोटें आईं। इस हादसे के बाद 15 महीने तक वह क्रिकेट से दूर रहे, लेकिन उन्होंने अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत की और मार्च 2024 में आईपीएल के जरिए धमाकेदार वापसी की।

इसके बाद उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारतीय टीम का हिस्सा बनने में सफलता पाई और फिर वनडे और टेस्ट क्रिकेट में भी वापसी कर ली। ऋषभ पंत का यह संघर्ष और मैदान पर वापसी की कहानी ही उन्हें लॉरियस अवॉर्ड के नॉमिनेशन तक ले गई है।

क्या है लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड?
लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड्स को खेल जगत का ऑस्कर कहा जाता है। यह अवॉर्ड्स दुनिया भर के बेहतरीन खिलाड़ियों और खेल की दुनिया में असाधारण प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित करता है। इस अवॉर्ड समारोह की शुरुआत 2000 में हुई थी, और यह आज भी खेल जगत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माना जाता है।

ऋषभ पंत के लिए गर्व का क्षण
ऋषभ पंत का इस पुरस्कार के लिए नॉमिनेट होना भारतीय क्रिकेट और उनके फैंस के लिए गर्व की बात है। उनकी वापसी सिर्फ एक खिलाड़ी की वापसी नहीं बल्कि संघर्ष, मेहनत और आत्मविश्वास की जीत है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने में कामयाब होते हैं या नहीं।

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