कोरोना काल में लोगों ने गिलोय का काढ़ा, रस और यहां तक कि इसका पानी भी बड़े भरोसे के साथ पिया। और इसकी वजह भी वाजिब है — गिलोय आयुर्वेद की सबसे चमत्कारी औषधियों में से एक मानी जाती है। इसमें एक साथ एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं।
गिलोय में मौजूद अल्कलॉइड्स, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, बीपी को संतुलित रखते हैं और पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं। आइए जानते हैं कि गिलोय किन-किन बीमारियों में फायदेमंद है और इसे कैसे इस्तेमाल करें।
🦟 1. डेंगू में गिलोय का कमाल
गिलोय एक बेहतरीन ज्वरनाशक औषधि है। यह डेंगू बुखार के दौरान प्लेटलेट काउंट बढ़ाने और बॉडी की रिकवरी स्पीड को तेज करने में मदद करती है।
👉 कैसे लें: गिलोय के रस को तुलसी की कुछ पत्तियों के साथ उबालकर पिएं।
🤧 2. बुखार और एलर्जी में राहत
अगर आपको अक्सर बुखार या एलर्जिक रिएक्शन होते हैं, जैसे – छींक आना, नाक बहना या आंखों से पानी आना – तो गिलोय इन लक्षणों को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करता है।
👉 कैसे लें: आधा चम्मच गिलोय पाउडर में थोड़ा शहद मिलाएं और भोजन से पहले खाएं।
😌 3. स्ट्रेस और एंग्जायटी में मददगार
गिलोय मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यह न सिर्फ तनाव और चिंता को कम करता है, बल्कि मेमोरी और फोकस को भी सुधारता है।
👉 कैसे लें: 2-3 चम्मच गिलोय का रस और उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पिएं।
🦴 4. गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत
गिलोय में सूजन कम करने वाले गुण पाए जाते हैं, जो अर्थराइटिस और गठिया में दर्द और जकड़न को कम करने में मदद करते हैं।
👉 कैसे लें: गिलोय पाउडर को हल्के गर्म दूध में मिलाकर रोज रात को पिएं।
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