APK के ज़रिए ठगी! आपके मोबाइल से लाखों उड़ सकते हैं, जानिए कैसे बचें

आजकल साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंक खातों से पैसा उड़ा रहे हैं। ताज़ा मामला हैदराबाद से सामने आया है, जहां एक सरकारी कर्मचारी के साथ APK फाइल के ज़रिए 3.92 लाख रुपए की ठगी कर ली गई। ऐसे मामलों से बचने के लिए जरूरी है कि आप जानें APK क्या है और कैसे इससे फ्रॉड किया जाता है?

📲 APK क्या है?
APK का मतलब है Android Package Kit। यह एक ऐसी फाइल होती है जिससे आप अपने एंड्रॉइड मोबाइल में किसी ऐप को सीधे इंस्टॉल कर सकते हैं।
यह वैसे ही है जैसे किसी कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर की .exe फाइल होती है।

हालांकि APK की मदद से सही ऐप्स इंस्टॉल हो सकते हैं, लेकिन साइबर ठग इसमें वायरस या स्पाईवेयर डालकर आपको फंसाने का काम करते हैं। जैसे ही आप इस फाइल को इंस्टॉल करते हैं, ठगों को आपके फोन का एक्सेस मिल जाता है और वे आपके बैंक खातों से पैसे निकाल सकते हैं।

🔍 फ्रॉड कैसे हुआ? – हैदराबाद केस स्टडी
एक 59 वर्षीय सरकारी कर्मचारी को कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को एक प्राइवेट बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर बताया और कहा कि उनके एड्रेस में कुछ गड़बड़ी है जिसे ठीक करवाना जरूरी है।
इसके बाद उसने एक APK फाइल भेजी और इंस्टॉल करने के लिए कहा।

जैसे ही पीड़ित ने फाइल को फोन में इंस्टॉल किया, बैंक खाते से पैसे कटने लगे।
दरअसल, इस फाइल में ऐसा सॉफ्टवेयर था जिसने फोन को पूरी तरह हैक कर लिया था।

🛡️ कैसे बचें ऐसे साइबर फ्रॉड से?
कोई भी अनजान APK फाइल कभी इंस्टॉल न करें।

केवल Google Play Store या App Store से ही ऐप डाउनलोड करें।

अगर कोई खुद को बैंक या पुलिस अफसर बताकर ऐप इंस्टॉल करने को कहे, तो सावधान हो जाएं – ये ठगी हो सकती है।

किसी भी फाइल या लिंक पर बिना जांचे-परखे क्लिक न करें।

अगर आप किसी फ्रॉड का शिकार हो जाएं, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें – यह नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर है।

यह भी पढ़ें:

ठंडे दूध में भीगा मखाना खाने के चमत्कारी फायदे – इन बीमारियों से मिलेगा छुटकारा