“पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन: 100 साल की उम्र में समाप्त हुआ ऐतिहासिक सफर”

संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की आयु में रविवार को जॉर्जिया के प्लेन्स में निधन हो गया। जिमी कार्टर न केवल अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति थे, बल्कि वे सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति भी रहे। उनके निधन से एक युग का समापन हुआ है। उनकी पत्नी एलेनोर रोजलिन स्मिथ, जो 96 साल की आयु में पिछले साल नवंबर में निधन हो गई थीं, भी एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व की धनी थीं। आइए जानते हैं, जिमी कार्टर कौन थे और उनके जीवन के बारे में कुछ खास बातें।

जिमी कार्टर का प्रारंभिक जीवन

जिमी कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को जॉर्जिया के प्लेन्स नामक शहर में हुआ था। उनका पूरा नाम जेम्स अर्ल कार्टर जूनियर था। उनका परिवार सरल था, जहाँ उनकी मां लिलियन कार्टर एक नर्स थीं और उनके पिता अर्ल कार्टर एक किसान थे। जिमी कार्टर के दो बहन और एक भाई भी थे। उनका पालन-पोषण एक छोटे से शहर में हुआ, जहां उन्होंने बचपन से ही कड़ी मेहनत और ईमानदारी के मूल्य सीखे।

जिमी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्लेन्स हाई स्कूल से की थी और इसके बाद 1941 में जॉर्जिया साउथ वेस्टर्न कॉलेज में दाखिला लिया। हालांकि, अगले साल ही उन्होंने यह कॉलेज छोड़ दिया और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया। 1943 में उन्हें अमेरिकी नौसेना में शामिल होने के लिए यूएस नेवल एकेडमी, एनापोलिस, मैरीलैंड में स्थानांतरित किया, जहां से उन्होंने 1946 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

नौसेना सेवा और परिवार की शुरुआत

नौसेना में सेवा देने के बाद जिमी कार्टर ने 7 जुलाई 1947 को अपनी बहन की दोस्त एलेनोर रोजलिन स्मिथ से शादी कर ली। इस शादी से उन्हें चार बच्चे हुए – जॉन विलियम (1947), जेम्स अर्ल III (1950), डॉनल जेफ्री (1952), और एमी लिन (1967)। परिवार के साथ उनका जीवन हमेशा से ही सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ा रहा। उनकी पत्नी, एलेनोर, भी एक सक्रिय और प्रेरणादायक व्यक्तित्व की धनी थीं।

राजनीतिक करियर की शुरुआत
जिमी कार्टर का राजनीतिक करियर 1962 में शुरू हुआ, जब वे जॉर्जिया के सेनेट में चुने गए। 1966 में, उन्होंने जॉर्जिया के गवर्नर पद के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गए। हालांकि, 1971 में वे फिर से गवर्नर पद के लिए चुनावी मैदान में उतरे और इस बार जीत हासिल की। गवर्नर बनने के बाद उन्होंने अपने राज्य में कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में सुधार शामिल था।

राष्ट्रपति बनने का सफर

1976 में जिमी कार्टर ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लिया। उनकी राजनीतिक शैली और नैतिकता ने उन्हें अमेरिकी जनता का विश्वास दिलाया, और उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार चुना गया। उस समय अमेरिका में वियतनाम युद्ध, पानीगेट कांड और अन्य सामाजिक मुद्दों से लोग परेशान थे, और जिमी कार्टर की छवि एक ईमानदार और जनता के प्रति समर्पित नेता के रूप में उभरी।

1976 के चुनाव में उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड को हराकर अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला। राष्ट्रपति बनने के बाद, कार्टर ने मानवाधिकारों की रक्षा करने, विदेश नीति में सुधार और घरेलू मुद्दों को सुलझाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

मानवाधिकार और परोपकारिता

जिमी कार्टर का राजनीतिक करियर एक ही दिशा में आगे बढ़ता रहा – मानवाधिकारों की सुरक्षा। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए। कार्टर ने कई देशों के साथ अपने संबंध सुधारने की कोशिश की, और उनका ध्यान अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत बनाने पर था।

राष्ट्रपति बनने के बाद, जिमी कार्टर ने 1979 में इज़राइल और मिस्र के बीच ऐतिहासिक कैम्प डेविड समझौते की मध्यस्थता की। यह समझौता मध्य-पूर्व में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके अलावा, उन्होंने 1979 में ईरान में क्रांतिकारी आंदोलन के दौरान अमेरिकी दूतावास के कर्मियों की रिहाई के लिए भी प्रयास किए, हालांकि यह घटना उनके राष्ट्रपति कार्यकाल का एक काला धब्बा बन गई।

नोबेल शांति पुरस्कार और परोपकारी कार्य

राष्ट्रपति पद के बाद, जिमी कार्टर ने मानवाधिकारों और समाज के लिए काम करना जारी रखा। उन्हें 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उनके द्वारा किए गए वैश्विक शांति प्रयासों के लिए था। कार्टर ने दुनिया भर में विभिन्न परोपकारी संस्थाओं के साथ मिलकर गरीबों के लिए काम किया, जलवायु परिवर्तन पर काम किया, और एचआईवी/एड्स जैसी समस्याओं के समाधान के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए।

उनकी शांति पहलें और परोपकारी कार्य उन्हें एक आदर्श नेता के रूप में स्थापित करते हैं। कार्टर की “कार्टर सेंटर” संस्था, जो 1982 में स्थापित हुई, आज भी दुनिया भर में शांति, स्वास्थ्य और मानवाधिकारों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

अंतिम समय और विरासत

जिमी कार्टर ने अपने जीवन में एक लंबा और प्रेरणादायक सफर तय किया। 100 साल की उम्र में उनका निधन अमेरिकी राजनीति और विश्व राजनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत है। उनका जीवन सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि वह एक उदाहरण बने थे कि कैसे एक व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी को मानवता और शांति की दिशा में समर्पित कर सकता है।

उनकी पत्नी एलेनोर की मृत्यु के बाद, जिमी कार्टर ने कई महत्वपूर्ण कार्यों में अपनी भागीदारी को जारी रखा। उनके द्वारा किए गए प्रयासों से उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।

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