गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार तीनों सेनाओं का एकजुट प्रयास, 25 करोड़ रुपये का हुआ खर्च

गणतंत्र दिवस परेड 2025 इस बार विशेष रूप से थलसेना, वायुसेना और नौसेना के तालमेल को प्रदर्शित करने वाली झांकी के कारण यादगार रहा। इस साल पहली बार इन तीनों सेनाओं के संयुक्त प्रयासों से एक झांकी प्रस्तुत की गई, जिसमें युद्ध के मैदान की तस्वीरों को दिखाया गया। यह झांकी इस बात का प्रतीक थी कि भारत अपनी सशस्त्र बलों के बीच तालमेल को बढ़ाकर अपनी सैन्य ताकत को और भी मजबूत बना रहा है।

तालमेल वाली झांकी का प्रदर्शन

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर पहली बार थलसेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त प्रयासों का प्रदर्शन किया गया। इस झांकी में स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान, विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम, और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ तीनों सेनाओं द्वारा किए गए अभियानों को दिखाया गया। इस झांकी में सशक्त और सुरक्षित भारत की थीम को प्रमुखता से रखा गया था, जिससे यह संदेश दिया गया कि भारत अपनी सैन्य क्षमता को और बेहतर बनाने के लिए इन तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ा रहा है।

सैन्य सुधारों का साल: 2025

भारत सरकार ने 2025 को रक्षा सुधारों का साल घोषित किया है। इस वर्ष का मुख्य उद्देश्य थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच तालमेल को बढ़ावा देना है, ताकि देश की सैन्य ताकत और प्रभावशीलता को अधिकतम किया जा सके। झांकी में यह दिखाया गया कि किस तरह से तीनों सेनाओं के बीच नेटवर्किंग और संचार की सुविधा से संयुक्त अभियान कक्ष तैयार किए जा रहे हैं, ताकि समकालीन और आने वाले सैन्य अभियानों के लिए उन्हें तैयार किया जा सके।

थिएटराइजेशन मॉडल: एकीकृत युद्ध क्षेत्र कमान

भारत सरकार तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने के लिए थिएटराइजेशन मॉडल को लागू करने पर जोर दे रही है। इस योजना के तहत थलसेना, वायुसेना और नौसेना की सभी इकाइयां एकीकृत युद्ध क्षेत्र कमान के तहत काम करेंगी। इसका उद्देश्य युद्ध के दौरान इन संसाधनों का बेहतर और प्रभावी तरीके से उपयोग करना है, ताकि सुरक्षा चुनौतियों से निपटा जा सके। इस योजना के तहत सभी तीन सेनाओं को एक भौगोलिक क्षेत्र में एकजुट किया जाएगा।

निष्कर्ष

भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाने और तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयास भारत के लिए एक मजबूत और सुरक्षित भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि आने वाले समय में भारत अपनी लड़ाकू क्षमता को और अधिक सक्षम और प्रभावी बना सके।

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