महिलाएं शादी के कुछ सालों बाद अक्सर बेबी प्लान करने के बारे में सोचने लगती हैं। यह विचार करना बिल्कुल सही है, क्योंकि एक उम्र के बाद बच्चों के जन्म में कठिनाई हो सकती है। समय रहते बेबी प्लान करना बेहतर माना जाता है, लेकिन इस दौरान महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के बारे में भी जान लेना चाहिए। हाल के वर्षों में गर्भावस्था के दौरान सर्वाइकल कैंसर की घटनाएं बढ़ी हैं। उम्र बढ़ने के साथ इस कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) की कोशिकाओं में होता है। यह कैंसर मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण से फैलता है, जो एक सामान्य यौन संचारित रोग है। गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का समय रहते पता लग जाने पर इसका इलाज और रोकथाम संभव होता है। गर्भावस्था की योजना बना रही महिलाओं को इस कैंसर के रोकथाम और निदान के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कैसे कम करें?
नियमित जांच और समय पर पता लगाना:
महिलाओं को पैप स्मीयर और एचपीवी परीक्षण के लिए नियमित जांच करानी चाहिए। 21 साल की उम्र से पैप स्मीयर और 30 साल के बाद एचपीवी जांच कराना जरूरी होता है। ये परीक्षण गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाओं और एचपीवी संक्रमण का पता लगाते हैं, जिससे कैंसर के खतरे को रोका जा सकता है।
एचपीवी टीकाकरण:
एचपीवी वैक्सीन के जरिए अधिकांश सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है। 9-45 साल की महिलाओं को एचपीवी वैक्सीन लगवानी चाहिए। यदि आप गर्भावस्था की योजना बना रही हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें कि क्या आप टीका लगवा सकती हैं।
यौन संक्रमण से बचाव:
एचपीवी संक्रमण यौन संपर्क से फैलता है, इसलिए पार्टनर के साथ कंडोम का उपयोग करना चाहिए। इससे एचपीवी संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा, एक से अधिक पार्टनर के साथ संबंध बनाने से बचें।
स्वस्थ जीवनशैली:
स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए, सिगरेट या किसी भी तरह के वेसन से दूर रहें।
संतुलित आहार और व्यायाम:
महिलाओं को संतुलित आहार, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए। नियमित व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है और कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम कम होता है।
तनाव से बचाव:
तनाव कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। महिलाओं को तनाव मुक्त जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए।
निष्कर्ष:
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए महिलाओं को इसके लक्षण, जोखिम और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक होना चाहिए। एक स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच से इस खतरनाक बीमारी को रोका जा सकता है, जिससे महिलाओं की सेहत और उनके बेबी प्लानिंग पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
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