हीट स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जो तब होती है जब शरीर का तापमान 40°C (104°F) या उससे अधिक हो जाता है।यह सिरदर्द, उल्टी, पेट दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, चक्कर आना और बेहोशी जैसे कई लक्षण पैदा कर सकता है।आज उहम आपको बताएँगे हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करे।
यदि आपको या आपके किसी परिचित को हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत ठंडे पानी से स्नान करें, छाया में ले जाएं और भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ पिलाएं।
कुछ आयुर्वेदिक उपाय दिए गए हैं जो हीट स्ट्रोक में सिरदर्द, उल्टी और पेट दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं:
- ठंडे पानी से स्नान:
यह शरीर का तापमान कम करने और ठंडक प्रदान करने का एक त्वरित और प्रभावी तरीका है।
- छाछ का सेवन:
छाछ में इलेक्ट्रोलाइट्स और प्रोटीन होते हैं जो खोए हुए तरल पदार्थों को फिर से भरने और निर्जलीकरण को रोकने में मदद करते हैं।
इसमें जीरा, पुदीना और धनिया भी मिला सकते हैं जो पाचन में सुधार करते हैं और पेट दर्द से राहत दिलाते हैं।
- त्रिफला का पानी:
त्रिफला एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
यह शरीर को ठंडा करने, पाचन में सुधार करने और सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को 1 गिलास पानी में रात भर भिगोकर रखें।
सुबह इस पानी को छानकर पी सकते हैं।
- पुदीने की चाय:
पुदीने में शीतलन गुण होते हैं जो शरीर को ठंडा करने और सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
1 कप पानी में 10-12 पुदीने की पत्तियां उबालें।
इस चाय को ठंडा करके दिन में 2-3 बार पी सकते हैं।
- एलोवेरा जूस:
एलोवेरा जूस में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर को ठंडा करने, पाचन में सुधार करने और पेट दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
रोजाना 2 बार 1/2 कप एलोवेरा जूस पी सकते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- यदि हीट स्ट्रोक गंभीर है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो इन उपायों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इन उपायों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए:
- गर्म मौसम में बाहर निकलते समय ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पीते रहें।
- धूप में सीधे रहने से बचें, खासकर दोपहर के समय।
- नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ भोजन खाएं।
यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो कृपया डॉक्टर से सलाह लें।
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