केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार की मौद्रिक और राजकोषीय नीतियां मिलकर काम कर रही हैं और मजबूत बजट तथा आरबीआई के हालिया फैसलों से बढ़ती अर्थव्यवस्था को और लाभ होगा।
यहां भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच अच्छा समन्वय रहा है और कोई भी दूसरे पर अतिक्रमण नहीं करता है।
उन्होंने नई दिल्ली में बजट के बाद की परंपरागत बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और मल्होत्रा के साथ आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल से मुलाकात की। वित्त मंत्री के अनुसार, उद्योग जगत को खपत में सुधार के संकेत मिल रहे हैं और वे क्षमता उपयोग को पुनर्जीवित करने पर विचार कर रहे हैं।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “मैं इसे सकारात्मक संकेत के रूप में देखती हूं और आरबीआई द्वारा रिपोर्ट दर में 25 आधार अंकों की कटौती करने के फैसले से यह आवश्यक गति प्रदान कर सकता है।” 25 बीपीएस की दर में कटौती से केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित खपत बढ़ाने वाले उपायों के पूरक के रूप में घरेलू मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इसके अतिरिक्त, आरबीआई का संकेत है कि वह सिस्टम में घर्षण और टिकाऊ तरलता की किसी भी कसावट को दूर करने के लिए आवश्यकतानुसार तरलता को इंजेक्ट करेगा, यह सुनिश्चित करेगा कि मौद्रिक नीति संचरण प्रभावी बना रहे।
एफएम सीतारमण ने आगे कहा कि बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) में बदलाव किसी वैश्विक घटनाक्रम की प्रतिक्रिया नहीं है और पिछले दो वर्षों से इस पर काम चल रहा था। उन्होंने कहा, “हम उद्योग की आवश्यकता के अनुसार टैरिफ सुरक्षा प्रदान करेंगे, जबकि उद्योग को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”
उद्योग के नेताओं को विश्वास है कि केंद्रीय बैंक, सरकार के समर्थन से, उभरते बाजारों पर बढ़ते डॉलर के दबाव के बावजूद विदेशी मुद्रा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित करना जारी रखेगा।