वर्तमान समय में बाज़ार में ताज़ा पालक, मेथी, बथुआ जैसी हरी पत्तेदार सब्ज़ियां दिखने लग जाती हैं। ये हरी पत्तेदार सब्ज़ियां न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि शरीर को कई तरह से फायदे भी पहुंचाती हैं। ऐसी ही एक बीमारी है डायबिटीज़, जिसके बारे में हम आज बात करेंगे।
डायबिटीज़ जीवनशैली से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। डायबिटीज़ का ख़तरा उन लोगों में ज़्यादा बढ़ जाता है जिनका खानपान और लाइफस्टाइल सही नहीं है। लंबे समय तक असंतुलित जीवन जीने से डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ जाता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अपने शुगर लेवल की लगातार जांच करने के साथ इसे कंट्रोल में रखने की सलाह भी दी जाती है। उन्हें खास तरह की डाइट लेनी होती है। ऐसे में मधुमेह रोगी अपनी डाइट में मेथी के साग को ज़रूर शामिल कर सकते हैं।
मेथी में डायबिटीज़ रोधी तत्व
मेथी कई बीमारियों को दूर करने में कारगर साबित होती है। मेथी को आयुर्वेद में भी औषधि का दर्जा दिया गया है। मेथी में हाइड्रॉक्सिसिलुसीन नामक एक एमिनो एसिड होता है, जो एक तरह का मधुमेह रोधक गुण है। इसके अलावा, इसमें मौजूद ग्लैक्टोमेनन डाइजेशन के रेट को कंट्रोल करता है, जिससे शरीर में कार्ब्स जल्दी ब्रेकडाउन नहीं होते और ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रण में रहता है।
मेथी इन बीमारियों को दूर करने में है कारगर
डायबिटीज़ के अलावा कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगियों को भी मेथी खाने की सलाह दी जाती है। साथ ही, मेथी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन और मिनरल्स अपच और एसिडिटी को कम करने में भी मददगार होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखती है। वहीं, मेथी में एंटी-इंफ्लामेट्री और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो अर्थराइटिस के मरीज़ों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन को कम करता है।
कैसे खाएं मेथी
मेथी के पत्ते फाइबर से भरपूर होते हैं, जो शरीर में पाचन क्रिया को धीमा करते हैं जिससे शुगर का अब्जॉर्प्शन जल्दी नहीं होता। साथ ही इसके सेवन से शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। लोग इसे पराठे, थेपला, वडा, ओट्स, चावल या फिर इसकी सब्ज़ी बनाकर खा सकते हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मरीज़ों को रोज़ाना एक मुट्ठी से ज़्यादा मेथी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।