आजकल वजन घटाने के कई तरीके चर्चा में हैं, लेकिन इन दिनों इंटरमिटेंट फास्टिंग सबसे पॉपुलर ट्रेंड बन चुका है। सेलेब्रिटीज से लेकर डॉक्टर भी इसे वजन घटाने के एक प्रभावी उपाय के रूप में मानते हैं। भारत में आमतौर पर लोग धार्मिक कारणों से उपवास करते हैं, लेकिन अब लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग के हेल्थ बेनिफिट्स के कारण इसे अपना रहे हैं। लेकिन क्या यह सच में फायदेमंद है और महिलाओं के लिए सुरक्षित है? आइए जानते हैं इसके फायदों और नुकसानों के बारे में एक्सपर्ट से।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
डॉक्टर के मुताबिक, इंटरमिटेंट फास्टिंग से शरीर में इंसुलिन लेवल कम हो जाता है और शरीर स्टोर्ड फैट को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करने लगता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। हालांकि, यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। खासकर डायबिटीज या थायरॉयड के मरीजों को इससे बचना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दौरान जो खाना खाया जाए, वह संतुलित और पौष्टिक होना चाहिए। सिर्फ जंक फूड खाने से इसका कोई फायदा नहीं होगा।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
वजन घटाने में मददगार
मेटाबॉलिज्म को सुधारने में सहायक
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद
सेल रिपेयर और एंटी-एजिंग प्रोसेस को बढ़ावा
किन्हें सावधानी बरतनी चाहिए?
गर्भवती महिलाएं: उन्हें इंटरमिटेंट फास्टिंग से बचना चाहिए।
डायबिटीज और लो ब्लड प्रेशर वाले लोग: इन लोगों को इस डाइट को फॉलो करते वक्त बहुत सावधानी रखनी चाहिए।
किशोरों और बुजुर्गों: इन दोनों समूहों को इस डाइट से बचना चाहिए।
अत्यधिक व्यायाम करने वाले लोग: इन्हें भी इस डाइट को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में क्या खाएं?
नाश्ते में: ओट्स, उपमा, और मूंग दाल चीला खा सकते हैं।
लंच में: ब्राउन राइस, मल्टीग्रेन रोटी के साथ सीजनल सब्जी खा सकते हैं।
शाम के समय: फलों, मखानों और हर्बल ड्रिंक्स जैसे ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।
रात के खाने में: हेल्दी वेजिटेबल सूप या खिचड़ी के साथ ग्रिल्ड वेजिटेबल्स और चिकन भी खा सकते हैं, जो प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं।
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