केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को “भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसान प्राकृतिक खेती का प्रयोग शुरू करें। ऐसा फल, सब्जी व अन्ना पैदा करें जो शरीर के लिए अमृत के समान हो। बिना केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग के गुणत्ता के साथ उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है। यह धारणा बन गई है कि बिना केमिकल फर्टिलाइजर के उत्पादन नहीं बढ़ेगा लेकिन ऐसा नहीं है। पहले व दूसरे साल उत्पादन कम जरूरत होता है लेकिन तीसरे साल से उत्पादन बेहतर होने लगता है।
शिवराज सिंह ने लखनऊ के द सेंट्रम होटल में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हमारा संकल्प है कि उत्पादन घटने नहीं देंगे। देश के अन्न भंडार भरेंगे। ग्लोबल वार्मिंग से आज दुनिया चिंतित है। केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग से उत्पादन खूब बढ़ा। फल, सब्जी व अन्न खूब पैदा हो रहा है लेकिन क्या वह खाने योग्य है। सारे कीट मित्र समाप्त हो गये। केंचुआ दिखाई नहीं देता। अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह धरती आने वाली पीढ़ियों के रहने लायक नहीं बचेगी। इसलिए समय रहते चेतने की जरूरत है। धरती बचेगी तो हम बचेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत का सब्जी फल अनाज जब दुनिया में धूम मचाएगा तब हमारा किसान खुशहाल होगा। पहले खेती से पूर्व पूजा होती थी। आज माँ का नाता नहीं रहा। केवल स्वार्थ बचा है। प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को जागरूक करने की जरूरत है। प्राकृतिक खेती का प्रयोग शुरू करें किसान, उन्हें प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। जो किसान प्राकृतिक खेती शुरू करेंगे, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए 3 साल तक कुछ पैसा सीधे उनके खाते में डालेंगे। प्राकृतिक खेती से पानी कम लगेगा। खाद व केमिकल का खर्चा बचेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कृषिमंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, लद्दाख के कार्यकारी सभासद कृषि स्टेनज़िन चोस्फ़ेल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ देवेश चतुर्वेदी और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान मौजूद रहे।
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