पिछले कुछ महीनों से हवाई उड़ानों में देरी की समस्या बढ़ती जा रही है। इसने यात्रियों को सबसे ज्यादा संकट में डाला है। विमानन कंपनियों की ‘ऑन टाइम परफॉर्मेंस’ रैंकिंग से यह खुलासा हुआ है। उड़ान में देरी की समय पर सूचना नहीं मिलना एक अलग समस्या है। दिल्ली हवाईअड्डे पर छत का एक हिस्सा गिरने जैसी घटनाओं से ये समस्या और ज्यादा बढ़ती जा रही है।
नीचे खिसक रही ‘ओटीपी’
– ओटीपी रैंकिंग के मामले में सबसे बेहतरीन विमानन कंपनी इंडिगो भी इससे अछूती नहीं है। इंडिगो मई तक लगातार सात महीने से ओटीपी रैंकिंग में शीर्ष पर रही पर अब इसमें गिरावट दिखने लगी है। विमानों के बेड़े और बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी एक दशक पहले जब एक उभरती हुई एयरलाइन थी तब ओटीपी इसकी यूएसपी थी।
– एयर इंडिया निजीकरण के कुछ महीनों बाद ओटीपी रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। लेकिन अब उसके एक चौथाई यात्रियों को घरेलू उड़ानों में देरी के कारण समस्या झेलनी पड़ रही है। चिंताजनक बात यह है कि उड़ानों में देरी से प्रभावित होने वाले यात्रियों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है।
इस तरह हो रही रैंकिंग में गिरावट
मई 2024 में इंडिगो ने चार मेट्रो हवाईअड्डों (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद) पर 72.8 फीसदी का ओटीपी दर्ज किया, जबकि एयर इंडिया का ओटीपी 68.4 फीसदी था। वहीं फरवरी 2020 में इंडिगो का ओटीपी 81 फीसदी और पिछले साल मई में 90.3 फीसदी था। इसका अर्थ है कि मई 2024 में इंडिगो की चार मेट्रो शहरों में 27.2 फीसदी उड़ानों में देरी हुई, जबकि मई 2023 में यह संख्या महज 9.7 फीसदी थी। इसका अर्थ है कि चार मेट्रो हवाईअड्डों से इंडिगो की औसतन रोजाना 160 उड़ानें प्रभावित हो रही हैं। इससे प्रतिदिन 30 हजार से अधिक यात्रियों को समस्या हो रही है।
क्या है ‘ओटीपी’
ऑन टाइम परफॉर्मेंस यानी ओटीपी विमानन कंपनियों को दी जाने वाली रैंकिंग है। यह समय पर उड़ान और उसमें होने वाली देरी से तय होती है। हालांकि, देश में 100 से अधिक परिचालन हवाईअड्डे हैं लेकिन डीजीसीए ओटीपी औसत निकालने के लिए चार हवाईअड्डों मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद के डाटा का इस्तेमाल करता है।