महिलाओं को हर महीने एक निश्चित समय पर पीरियड्स से गुजरना होता है. बायोलॉजिकली देखा जाए तो ये एक सामान्य प्रोसेस है लेकिन पीरियड्स के दौरान नॉर्मल और हैवी ब्लीडिंग की बात करें तो ये हर महिला के साथ अलग अलग होती है. किसी को पीरियड्स के दौरान सामान्य ब्लीडिंग होती है तो कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग की शिकायत करती हैं. अगर पीरियड्स के दौरान आप ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या से जूझ रही हैं तो इसे किसी भी हाल में इग्नोर नहीं करना चाहिए. ये आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है और इसके पीछे एक गंभीर बीमारी का संकेत छिपा हो सकता है. चलिए जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग किस बीमारी का संकेत हो सकती है.
जानिए पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग क्यों होती है
डॉक्टर कहते हैं कि अगर पीरियड्स के दौरान हर बार सामान्य से ज्यादा रक्तस्राव हो रहा है तो ये एंडोमेट्रियोसिस नामक बीमारी का लक्षण हो सकता है. ये महिलाओं में होने वाली एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें यूटरस की परत के जैसा ही एक ऊतर गर्भ के ऊपर बढ़ता है. इस ऊतक के आकार के बढ़ने पर पैल्विक पेन और डिलीवरी संबंधित दिक्कतें होती है और इसी के चलते हर बार पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होती है.
आपको बता दें कि पीरियड्स के दौरान एंडोमेट्रियोसिस की दिक्कत से दस में से एक महिला परेशान होती है. इस बीमारी की शिकार महिलाएं तेजी हो रही हैं और ये चिंता का कारण बन गया है. आपको बता दें कि जब यूटरस के ऊपर ये ऊतक बढ़ता है तो गर्भाशय में घाव होने के रिस्क बढ़ जाते हैं. इससे पीरियड्स के दौरान सामान्य से ज्यादा ब्लीडिंग या पीरियड्स का समय ज्यादा हो सकता है.
तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
जिन महिलाओं को ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या हर बार होती है, उनको अपने डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए. एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए डॉक्टर आमतौर पर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह देते हैं. इस बीमारी का इलाज इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि लंबे समय तक रहने पर ये बीमारी मां बनने की क्षमता और प्रोसेस पर भी असर डालती है. अगर कम उम्र में ये बीमारी सही ना हो तो महिलाओ को कंसीव करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर हैवी ब्लीडिंग की समस्या है तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह मशविरा करके चेकअप करवाना चाहिए.