सर्दियों में विटामिन बी-12 की कमी को दूर करने के लिए खाएं ये 3 साग

हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई प्रकार के पौष्टिक तत्वों की जरूरत होती है, जिनमें विटामिन, मिनरल्स और कैल्शियम शामिल होते हैं। इनमें से विटामिन्स सबसे महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनकी कमी से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। विटामिन बी-12 बाकी विटामिनों की तुलना में सबसे जरूरी माना जाता है, क्योंकि इस विटामिन की कमी से शरीर में अन्य विटामिनों और आयरन की कमी हो सकती है। विटामिन बी-12 की कमी से खून की कमी, न्यूरो प्रॉब्लम्स, हड्डियों और मांसपेशियों में कमजोरी, और कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। सर्दियों में मिलने वाले कुछ सागों को अपनी डाइट में शामिल कर आप इस विटामिन की कमी को पूरा कर सकते हैं।

विटामिन बी-12 की कमी के संकेत:
हाथों-पैरों में झुनझुनाहट होना।
मांसपेशियों और हड्डियों में कमजोरी होना।
बालों का समय से पहले सफेद होना और ज्यादा झड़ना।
भूख में कमी होना।
आंखों और त्वचा का पीला पड़ना।
भूलने की समस्या होना।
चलने या शरीर का बैलेंस बनाने में दिक्कत महसूस होना।
Vitamin B-12 के लिए खाएं ये 3 साग:
पालक:
पालक सर्दियों में मिलने वाला सबसे कॉमन साग है। इसमें आयरन भरपूर मात्रा में होता है और यह शरीर में विटामिन बी-12 के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। पालक खून बढ़ाने में भी मदद करता है। सर्दियों में आप पालक का सूप पी सकते हैं या सुबह के समय पालक और टमाटर का जूस पी सकते हैं।

सरसों का साग:
सरसों का साग इस सीजन का सबसे पॉपुलर साग है, खासकर भारत के उत्तरी राज्यों में। यह साग आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड का बेहतरीन स्रोत होता है, जो शरीर में खून को बढ़ाने में मदद करता है।

बथुआ:
बथुआ भी विटामिन बी-12 का बेहतरीन स्रोत है, खासकर सर्दियों में। बथुआ का सेवन करने से शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या दूर होती है, इम्यूनिटी मजबूत होती है और दिमाग के लिए भी यह अच्छा होता है। सर्दियों में बथुए का पराठा, रायता और बथुए वाली दाल खाना फायदेमंद होता है।

इन सागों को अपनी डाइट में शामिल करके आप विटामिन बी-12 की कमी को पूरा कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।

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