एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण में क्रीमी लेयर और उपवर्गीकरण के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ देशभर में हो रहे भारत बंद का असर बिहार से लेकर राजस्थान तक देखने को मिल रहा है। पटना के महेंद्रु अंबेडकर हॉस्टल के पास भारत बंद समर्थकों ने सड़कों को जाम कर दिया और मार्च निकालकर उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का विरोध किया। इसके बाद स्थानीय प्रशासन को चेतावनी देनी पड़ी कि बंद के दौरान हिंसा, तोड़फोड़ और जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बावजूद इसके, कुछ लोग शहर में दुकानों को बंद करवाने की कोशिश करने लगे। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य अमर आजाद ने कहा, “आज पूरा भारत बंद है। एससी-एसटी आरक्षण के साथ जो भी खिलवाड़ करेगा, उसे हम लोग छोड़ने वाले नहीं हैं। केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले को वापस करे और इस पर कानून बनाए।” अमरजीत कुमार ने भी कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए इसे दलित समाज को बांटने वाला बताया और इसे घातक निर्णय करार दिया। साथ ही बिहार के बांका में भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। विभिन्न वर्ग के लोगों ने बांका-भागलपुर मार्ग को जाम कर दिया और सड़क पर आगजनी करते हुए उच्चतम न्यायालय और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इस बंद को कई समाजसेवियों और राजनीतिक पार्टियों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें बिहार में राजद और लोजपा भी शामिल हैं। अजमेर में एसटी और एससी आरक्षण में वर्गीकरण के विरोध में भारत बंद का असर व्यापक रूप से देखा गया। शहर के सभी बाजार बंद रहे और दरगाह बाजार में भी सभी दुकानें बंद रही। बाहर से आए जायरीन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा और गरीब नवाज की दरगाह में भी जायरीनों की संख्या कम देखी गई। शहर में सन्नाटा पसरा रहा और आम दिनों की भीड़भाड़ वाले बाजार आज सुनसान नजर आए।
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