रेमल तूफान की वजह से इन तटीय इलाकों को बढ़ा खतरा, रेड अलर्ट जारी

चक्रवात ‘रेमल’ अब भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका है.पश्चिम बंगाल सरकार ने दक्षिण 24 परगना, सुंदरबन और काकद्वीप इलाकों से 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया है। अधिकारीयों से जानकारी में पता चला है की इन हालातों से निपटने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन और एनडीआरएफ की 16-16 बटालियन को तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया हैं। राज्य सरकार ने इसे प्रभावित  क्षेत्रों में करीब 5.40 लाख तक तिरपाल भी बांटे हैं साथ ही इन जिलों में सूखा राशन, पाउडर दूध और पानी के पाउच भी बाटे गए हैं।

राज्य सचिवालय में ही एक केंद्रीकृत इकाई को स्थापित किया गया है, जो इस चक्रवाती तूफान रेमल की हर एक हरकत पर नजर रखने का काम करेगी।ऐसा मायसम विभाग का मानना है की इस तूफान के असर से राजधानी कोलकाता में भी भारी बारिश होने की संभावना है। जैसे खासकर तटीय इलाकों दीघा, शंकरपुर और ताजपुर में पर्यटकों को सभी होटल को खाली करने के लिए निर्देश दिए गए है साथ ही समुद्र में न जाने की सलाह भी जारी की गई है।

मौसम विभाग ने बताया है की, इस चक्रवाती तूफान की वजह से हवाओं की रफ्तार तेज हो सकती है जिसका अनुमान लगभग 110-120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से होगी। सभी तटीय इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।  के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि चक्रवात के बाद के जो भी हालात होंगे उनसे निपटने के लिए हमने 15,000 नागरिक कर्मचारियों को तैनात किया गया है। कोलकाता पुलिस ने भी अपनी तरफ से नागरिकों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर की घोषणा की है – 9432610428 और 9432610429 ये क्रमशः है।

बाग्लादेश के भी सभी तटीय इलाकों में तूफान के खतरे को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।बांग्लादेश में भी तूफान की वह से संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को जिसने करीब आठ लाख से अधिक लोगो की संख्या थी इनको भी सुरक्षित जगहों पर भेजा दिया गया है।

यह भी पढ़े:भारत की दीपा करमाकर ने रचा इतिहास; ओलंपियन भारतीय जिमनास्ट में देश को दिलाया स्वर्ण पदक