डॉ. गौतम इलाहाबादिया: कैंसर मरीजों के लिए प्रजनन संरक्षण (Fertility Preservation) का मार्गदर्शन

कैंसर का निदान जीवन को पूरी तरह बदल देने वाला क्षण होता है, जो भावनाओं, भय और अनिश्चितताओं का एक तूफान लेकर आता है। ऐसे व्यक्तियों के लिए, जो माता-पिता बनने का सपना देखते हैं, यह सोच कि उपचार उनकी प्रजनन क्षमता (fertility) को प्रभावित कर सकता है, चिंता और बढ़ा देता है। संतान होने  की क्षमता खोने का विचार कैंसर के निदान जितना ही डरावना हो सकता है, जो भविष्य के सपनों पर गहरा प्रभाव डालता है।

इन कठिनाइयों के बीच ऑनको-फ्रीज़िंग (Onco-Freezing) उम्मीद की एक किरण बनकर उभरता है। यह विकसित चिकित्सा पद्धति मरीजों को कैंसर के इलाज शुरू करने से पहले अपनी प्रजनन क्षमता को सुरक्षित रखने का अवसर प्रदान करती है, जिससे उनके माता-पिता बनने के सपने साकार हो सकते हैं।

दुबई स्थित इलाहाबादिया आईवीएफ (Allahbadia IVF) में विशेषज्ञ डॉ. गौतम इलाहाबादिया कैंसर मरीजों को प्रजनन संरक्षण के क्षेत्र में अपनी गहरी जानकारी और अनुभव प्रदान करते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित रखने और उनके उपचार पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता करते हैं।

ऑनको-फ्रीज़िंग क्या है?

ऑनको-फ्रीज़िंग, जिसे ऑनकोफर्टिलिटी (oncofertility) भी कहते हैं, एक प्रजनन संरक्षण तकनीक है, जो उन व्यक्तियों के लिए बनाई गई है, जो कैंसर के उपचार जैसे कीमोथेरेपी (chemotherapy) या रेडिएशन (radiation) से गुजर रहे हैं, जो प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

डॉ. गौतम इलाहाबादिया कहते हैं कि – “कैंसर का मानसिक बोझ बहुत भारी होता है, और कई लोगों के लिए बच्चे पैदा करने की क्षमता खोने का डर इसे और बढ़ा देता है। ऑनको-फ्रीज़िंग एक जीवनरेखा प्रदान करता है, जो मरीजों को उनकी सेहत को प्राथमिकता देते हुए उनके परिवार के सपनों को साकार करने का मौका देता है।”

कैंसर और प्रजनन क्षमता पर इसका प्रभाव

कैंसर का उपचार, चाहे वह कीमोथेरेपी हो, रेडिएशन हो या सर्जरी, पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

महिलाओं में:

कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसे उपचार डिम्बग्रंथि (ovaries) को नुकसान पहुँचा सकते हैं, हार्मोनल संतुलन बिगाड़ सकते हैं और अस्थायी या स्थायी बाँझपन का कारण बन सकते हैं। यह डर उनके मानसिक और शारीरिक संघर्ष को और बढ़ा देता है।

पुरुषों में:

उपचार शुक्राणु उत्पादन और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है जिससे बच्चों को जन्म देना कठिन हो सकता है और यह विचार उन पुरुषों के लिए एक भारी भावनात्मक बोझ बन जाता है, जो परिवार शुरू करने का सपना देखते हैं।

डॉ. इलाहाबादिया जोर देते हैं कि इन चुनौतियों को पहचानना और प्रजनन संरक्षण के विकल्पों के बारे में जानकारी देना मरीजों को उनके प्रजनन भविष्य के लिए सही निर्णय लेने का अधिकार देता है।

इलाहाबादिया आईवीएफ में प्रजनन संरक्षण के विकल्प

इलाहाबादिया आईवीएफ में मरीजों को उनकी जरूरतों के अनुसार प्रजनन संरक्षण की व्यापक विधियाँ उपलब्ध कराई जाती हैं:

सुरक्षात्मक उपाय (Protective Measures) –

रेडिएशन थेरेपी के दौरान, पेल्विक और जननांग (genital) क्षेत्रों को सीसा (lead) से बने एप्रन से ढककर आयनीकरण विकिरण (ionizing radiation) के प्रभाव को कम किया जाता है।

डिम्बग्रंथि स्थानांतरण (Ovarian Transposition)-

इस सर्जरी में डिम्बग्रंथि को पेल्विक क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित किया जाता है, ताकि रेडिएशन के प्रभाव से उनकी कार्यक्षमता संरक्षित रह सके।

गोनाडोट्रोपिन एगोनिस्ट इंजेक्शन (Gonadotropin Agonist Injections) –

कीमोथेरेपी से पहले दिए जाने वाले ये इंजेक्शन डिम्बग्रंथि और वृषण (testicular) गतिविधि को दबाते हैं, जिससे उपचार के कारण होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

अंडा संग्रहन (Egg Banking) –

हार्मोनल उत्तेजना द्वारा अंडों को संग्रहित और क्रायोप्रिजर्व (cryopreserve) किया जाता है, जिससे महिलाएँ भविष्य में इनका उपयोग कर सकती हैं।

भ्रूण संग्रहण (Embryo Banking)

इस विकल्प में आईवीएफ (IVF) के माध्यम से भ्रूण का निर्माण कर उन्हें फ्रीज किया जाता है, ताकि इलाज के बाद इन्हें प्रत्यारोपित किया जा सके।

शुक्राणु संग्रहण (Sperm Banking)-

पुरुषों के लिए यह प्रक्रिया सरल होती है, जिसमें उनके वीर्य (semen) को संग्रहित और संरक्षित किया जाता है।

वृषण से शुक्राणु निकालना (Testicular Sperm Extraction)-

जिन मामलों में स्खलन संभव नहीं होता, उसमें वृषण या एपिडिडिमिस (epididymis) से शुक्राणु सर्जरी द्वारा निकाले जाते हैं।

ऊतक बैंकिंग (Tissue Banking)-

डिम्बग्रंथि या वृषण ऊतक (testicular tissue) को संरक्षित किया जाता है, ताकि भविष्य में इसे प्रत्यारोपित कर प्रजनन क्षमता बहाल की जा सके।

ये प्रजनन संरक्षण तकनीकें कैंसर मरीजों को उनके माता-पिता बनने के सपनों को बनाए रखने का अवसर प्रदान करती हैं। इन विकल्पों के बारे में जानकारी देकर मरीज अपनी जरूरतों और लक्ष्यों के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।

डॉ. गौतम इलाहाबादिया की सोच और दृष्टिकोण

डॉ. गौतम इलाहाबादिया और उनकी टीम मरीजों की प्यार से देखभाल करने और नवीनतम समाधान प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि कैंसर जैसी कठिन परिस्थिति के बीच भी, परिवार बनाने की उम्मीद जीवित रहे।

उनका मानना है कि प्रजनन संरक्षण न केवल मेडिकल प्रक्रिया है, बल्कि यह मरीजों को आशा और आत्मविश्वास देने का एक साधन भी है। उनकी पहल ने कई मरीजों को यह विश्वास दिलाया है कि कैंसर के इलाज के बाद भी उनके सपने पूरे हो सकते हैं।

निष्कर्ष

अतः कैंसर का उपचार जीवन को चुनौतीपूर्ण बना सकता है, लेकिन प्रजनन संरक्षण के माध्यम से मरीज अपनी उम्मीदों को बनाए रख सकते हैं। इलाहाबादिया आईवीएफ में उपलब्ध विकसित तकनीकें और डॉ. गौतम इलाहाबादिया की दूर दृष्टि इस बात का प्रमाण हैं कि विज्ञान और सहानुभूति के सही मेल से मरीजों का जीवन बेहतर बनाया जाना संभव है।