“कब्ज को न समझें मामूली समस्या, इसके गंभीर प्रभावों से बचें!”

दिसंबर 2024 को “कब्ज जागरूकता माह” (Constipation Awareness Month) के रूप में मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को कब्ज की समस्या के प्रति जागरूक करना है। कब्ज को अक्सर लोग एक सामान्य परेशानी मानते हैं, लेकिन यह समस्या बहुत गंभीर हो सकती है। अगर कब्ज को समय रहते ठीक नहीं किया जाता, तो यह पेट के कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इस माह के दौरान, चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा कब्ज के बारे में लोगों को सही जानकारी दी जा रही है और इसके बारे में फैले कुछ मिथकों को भी दूर किया जा रहा है।

कब्ज के कारण और लक्षण
कब्ज की समस्या तब होती है जब मल त्याग करना कठिन हो जाता है या बहुत कम बार होता है। आमतौर पर कब्ज को लेकर लोग यह मानते हैं कि यदि किसी को दिन में दो बार मल त्याग नहीं हो रहा है, तो वह कब्ज का शिकार हो सकता है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि यह विचार गलत है। हर व्यक्ति का पाचन तंत्र अलग होता है और उसके मल त्याग की आदतें भी अलग हो सकती हैं। सामान्यतः 24 घंटे में एक बार मल त्याग करना सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर किसी को 72 घंटे में एक बार भी मल त्याग हो रहा है, तो यह कब्ज का संकेत हो सकता है।

कब्ज के कुछ प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

खराब खानपान: भोजन में फाइबर की कमी, अधिक वसा और कम पानी का सेवन कब्ज का कारण बन सकता है।
थायरॉयड समस्याएं: थायरॉयड हार्मोन के कम उत्पादन से भी कब्ज हो सकता है।
दवाइयों का सेवन: कुछ दवाइयां कब्ज का कारण बन सकती हैं, जैसे दर्द निवारक दवाएं और एंटीडिप्रेसेंट्स।
मानसिक तनाव: मानसिक सेहत भी कब्ज से जुड़ी हो सकती है, जिसे “ब्रेन एंड गट हेल्थ रिलेशन” कहा जाता है।
कब्ज के मिथक और सच्चाई
कब्ज के बारे में कई मिथक फैले हुए हैं, जो लोगों को इस समस्या के बारे में गलत जानकारी देते हैं। इन मिथकों को समझना और सही जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

मिथक 1: कब्ज केवल वृद्ध लोगों में होता है यह विचार गलत है। कब्ज किसी भी उम्र में हो सकता है, खासकर खराब खानपान और बिगड़े हुए जीवनशैली के कारण। बच्चे और युवा भी कब्ज का शिकार हो सकते हैं।

मिथक 2: अगर मल त्याग में देरी हो तो यह कब्ज है कब्ज की परिभाषा मल त्याग के समय में देरी से नहीं, बल्कि मल त्याग में कठिनाई, दर्द और अप्रियता से जुड़ी होती है। अगर किसी को हर 72 घंटे में एक बार मल त्याग होता है, तो यह कब्ज का संकेत हो सकता है।

मिथक 3: कब्ज केवल खानपान से ही होता है कब्ज का कारण केवल खानपान नहीं होता, मानसिक तनाव भी इसका कारण बन सकता है। मानसिक सेहत खराब होने पर पेट की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है। इसका वैज्ञानिक नाम “ब्रेन एंड गट हेल्थ रिलेशन” है। यह दर्शाता है कि मानसिक स्थिति का असर पाचन तंत्र पर भी पड़ता है।

कब्ज से बचाव के उपाय
कब्ज को दूर करने और इससे बचने के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय हैं, जिन्हें जीवनशैली में शामिल किया जा सकता है:

आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं: फाइबर से भरपूर आहार जैसे ताजे फल, सब्जियां, दलहन, ओट्स और साबुत अनाज कब्ज से बचने में मदद करते हैं। फाइबर पेट के माध्यम से मल को आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है।

पानी का सेवन बढ़ाएं: दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पीने की आदत डालें। पानी से आंतों में मुलायमियत बनी रहती है, जिससे मल त्याग आसान होता है।

नियमित शारीरिक गतिविधि करें: व्यायाम या हल्की शारीरिक गतिविधियां जैसे चलना, योग या तैराकी आंतों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और कब्ज से बचाव करता है।

मानसिक तनाव को कम करें: तनाव और चिंता का प्रभाव पाचन तंत्र पर पड़ता है। ध्यान, योग और गहरी श्वास तकनीकें मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं।

नियमित दिनचर्या बनाए रखें: हर दिन एक ही समय पर मल त्यागने की आदत डालें। इससे शरीर का पाचन तंत्र समय के साथ अपने आप नियमित हो जाता है।

कब्ज होने पर डॉक्टर से सलाह लें: अगर कब्ज की समस्या सप्ताह भर से ज्यादा समय तक रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। इलाज से कब्ज को जल्दी ठीक किया जा सकता है।

कब्ज के उपचार के लिए डॉक्टर से कब मिलें?
अगर कब्ज लंबे समय तक बनी रहती है या यदि इसके साथ गंभीर लक्षण जैसे पेट में दर्द, खून आना या वजन का अचानक घटना हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर उचित परीक्षण कर सकते हैं और सही उपचार का सुझाव दे सकते हैं।

निष्कर्ष
कब्ज एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। “Constipation Awareness Month” के दौरान, यह महत्वपूर्ण है कि हम कब्ज की समस्या के बारे में जागरूकता फैलाएं और इसके उपचार के लिए सही कदम उठाएं। आहार में फाइबर की अधिकता, पानी का सेवन, नियमित शारीरिक गतिविधि और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना कब्ज से बचने के सबसे अच्छे उपाय हैं।

यह भी पढ़े :-

“UGC NET 2025 एडमिट कार्ड डाउनलोड करें, जानें परीक्षा से जुड़ी सभी जानकारी”