किडनी फेलियर, जिसे रीनल फेलियर भी कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसमें किडनी काम करना बंद कर देती है। इस स्थिति के कारण इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और किडनी के ठीक से काम न करने के कारण त्वचा में कई बदलाव हो सकते हैं। वास्तव में, रीनल फेलियर वाले 50 से 100 प्रतिशत मरीजों में त्वचा के रंग में बदलाव देखा जा सकता है। आइए जानते हैं कि किडनी फेलियर के दौरान त्वचा पर क्या बदलाव हो सकते हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।
किडनी फेलियर से त्वचा के रंग में बदलाव के संकेत
सूखी और खुजली वाली त्वचा (प्रुरिटस) किडनी फेलियर का सबसे सामान्य लक्षण है गंभीर सूखापन और खुजली, जो अक्सर ब्लड फ्लो में यूरिया के बढ़ने के कारण होता है। इससे त्वचा में जलन पैदा होती है और खुजलाने से सफेद रेखाएं भी बन सकती हैं।
पीली त्वचा (यूरेमिक फ्रॉस्ट) किडनी फेलियर से यूरेमिया नामक स्थिति उत्पन्न होती है, जिसमें रक्त में अपशिष्ट उत्पादों का संचय होता है। इससे त्वचा का रंग पीला हो सकता है। गंभीर मामलों में, त्वचा पर यूरेमिक फ्रॉस्ट (यूरिया और अन्य अपशिष्ट उत्पादों का क्रिस्टलीकरण) भी हो सकता है।
त्वचा के नीचे कैल्शियम जमा होना कुछ व्यक्तियों की त्वचा में कैल्शियम जमा हो सकता है। यदि ये जमाव बाहर आ जाता है, तो त्वचा पर कई समस्याएं हो सकती हैं।
नाखून में बदलाव किडनी फेलियर से नाखून भंगुर, रंगहीन हो सकते हैं, या इनमें सफेद पट्टियां (म्यूर्के लाइन्स) दिखने लग सकती हैं। यह अक्सर गंभीर किडनी रोग के कारण होता है।
कैसे करें बचाव?
एनीमिया में आयरन थेरेपी: आयरन थेरेपी से शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है।
ब्लड प्रोडक्शन एजेंट: यह रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
सनस्क्रीन और सही कपड़े: सूर्य की रोशनी से बचने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग और सही कपड़ों का पहनना जरूरी है।
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