दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को 63 वर्षीय डॉक्टर डॉ. योगेश चंद्र पॉल की नृशंस हत्या के मामले में चार्जशीट दाखिल की, जिनकी तीन महीने पहले दक्षिणी दिल्ली के जंगपुरा इलाके में उनके घर में हत्या कर दी गई थी। चार्जशीट साकेत कोर्ट में दाखिल की गई और इसमें तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें एक लंबे समय से काम कर रहा घरेलू सहायक भी शामिल है। आरोपियों पर हत्या, डकैती और आपराधिक साजिश से जुड़ी धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
आरोपियों की पहचान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चार्जशीट में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें बसंती शामिल है, जो 25 साल से डॉ. पॉल की घरेलू सहायक के तौर पर काम कर रही थी और दो भाई आकाश और हिमांशु भी शामिल हैं। हरिद्वार के बिरला घाट में पुजारी के तौर पर काम करने वाले हिमांशु को भी इस अपराध में शामिल बताया गया है। पुलिस के मुताबिक, हत्या के पीछे मुख्य मकसद डकैती थी, जिसकी योजना कुल सात लोगों ने बनाई थी।
सात में से चार अभी भी फरार हैं और माना जाता है कि वे नेपाल भाग गए हैं। आरोपपत्र के अनुसार, हत्या के दिन, 10 मई को, तीन आरोपियों ने कथित तौर पर डॉ. पॉल का पीछा किया जब वे अपने क्लिनिक से घर लौट रहे थे। निगरानी फुटेज में दो संदिग्धों को उनके घर में उनका पीछा करते हुए देखा गया, जबकि तीसरा संदिग्ध कुछ ही देर बाद अंदर घुस गया। अंदर घुसते ही संदिग्धों ने डॉ. पॉल को बांध दिया और जब वे चीखने लगे, तो उन्होंने कुत्ते के पट्टे से उनका गला घोंट दिया और उनके मुंह को कपड़े से बंद कर दिया। इसके बाद हमलावर कीमती सामान की तलाश में अलमारी के ताले तोड़ने लगे।
अपराध तब प्रकाश में आया जब डॉ. पॉल की पत्नी काम से घर लौटीं और उन्होंने भयानक दृश्य देखा। पुलिस जांच में पता चला कि हत्या के पीछे का मकसद यह संदेह था कि डॉ. पॉल के घर में बड़ी मात्रा में नकदी जमा है। घरेलू सहायिका बसंती ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने अपने सहयोगियों को डॉक्टर की वित्तीय स्थिति के बारे में बताया था।
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