आजकल कई महिलाएं पहले करियर को प्राथमिकता देती हैं और 30 की उम्र के बाद शादी व फैमिली प्लानिंग करने का फैसला लेती हैं। हालांकि यह एक व्यक्तिगत चुनाव है, लेकिन स्वास्थ्य के नजरिए से देर से मां बनना कुछ चुनौतियां भी लेकर आता है। आइए जानते हैं कि 30 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
👩⚕️ 30 की उम्र के बाद फर्टिलिटी पर असर
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, महिलाओं की फर्टिलिटी यानी गर्भधारण करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि 30 साल तक की उम्र मां बनने के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है। इसके बाद गर्भधारण तो संभव होता है, लेकिन जटिलताओं की संभावना बढ़ जाती है।
🧬 बढ़ती उम्र में जेनेटिक डिसऑर्डर का खतरा
ज्यादा उम्र में गर्भवती होने पर बच्चे में डाउन सिंड्रोम जैसे जेनेटिक डिसऑर्डर का खतरा बढ़ जाता है। उदाहरण के तौर पर, 25 साल की महिला में यह खतरा 1,000 में से 1 होता है, जबकि उम्र बढ़ने के साथ यह जोखिम और भी बढ़ता है।
⚖️ मोटापा भी बन सकता है रुकावट
उम्र के साथ कई महिलाओं में वजन बढ़ने यानी मोटापे की समस्या भी देखने को मिलती है। मोटापा प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और डिलीवरी की जटिलताओं को बढ़ा सकता है। इसलिए समय रहते वजन को कंट्रोल में रखना जरूरी है।
🦴 पेल्विक एरिया में लचीलापन घटता है
ज्यादा उम्र में महिलाओं के पेल्विक क्षेत्र की लचीलापन (flexibility) कम हो जाती है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना भी घट जाती है। ऐसे में अक्सर सिजेरियन डिलीवरी की जरूरत पड़ सकती है।
🧘♀️ क्या करें?
गायनोकॉलोजिस्ट से नियमित सलाह लें
तनाव से बचें, मेडिटेशन करें
रेगुलर हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और वॉक करें
पेल्विक स्ट्रेंथ बढ़ाने वाले योगासन करें
संतुलित आहार लें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
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