बढ़ती उम्र, खानपान की गलत आदतें और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से हड्डियां खोखली हो जाती हैं और छोटी-छोटी चोटों से भी फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आप हड्डियों को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो रोजाना रात को सोने से पहले दूध में एक खास चीज मिलाकर पीना आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है – वो चीज है गोंद कतीरा।
गोंद कतीरा क्या है
गोंद कतीरा एक प्राकृतिक गोंद है जो पेड़ों से निकलता है। यह शरीर में ठंडक पहुंचाने, जोड़ों की चिकनाई बढ़ाने और हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन होता है, जो हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए ज़रूरी हैं।
कैसे करें सेवन
सामग्री:
- 1 गिलास गर्म दूध
- 1 चम्मच गोंद कतीरा (रातभर पानी में भिगोया हुआ)
विधि:
- गोंद कतीरा को रातभर पानी में भिगोकर रखें, जिससे यह फूल जाए
- सोने से पहले दूध को हल्का गर्म करें
- उसमें भीगा हुआ गोंद कतीरा मिलाएं
- अच्छी तरह मिलाकर धीरे-धीरे पिएं
इसके फायदे
- हड्डियों की मजबूती – इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनरल्स हड्डियों को घनत्व प्रदान करते हैं
- जोड़ों के दर्द में राहत – जो लोग आर्थराइटिस या जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, उन्हें इसका सेवन ज़रूर करना चाहिए
- हड्डी टूटने के बाद रिकवरी में मददगार – यह बोन हीलिंग को तेज़ करता है
- बढ़ती उम्र में सपोर्ट – महिलाओं में मेनोपॉज़ के बाद हड्डियों का कमजोर होना आम है, गोंद कतीरा इसे संतुलित करने में सहायक है
कब और कितना सेवन करें
- सप्ताह में 3 से 4 बार इसका सेवन किया जा सकता है
- रात को सोने से पहले लेना सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है
- अत्यधिक मात्रा में सेवन से पेट फूलना या गैस की समस्या हो सकती है, इसलिए सीमित मात्रा में ही लें
अन्य विकल्प
अगर गोंद कतीरा न मिले तो आप इन चीजों को भी दूध में मिलाकर ले सकते हैं:
- अश्वगंधा चूर्ण
- हल्दी
- अलसी (flaxseed) पाउडर
- सोंठ और मिश्री का मिश्रण
हड्डियों को मजबूत रखने के लिए सिर्फ कैल्शियम सप्लीमेंट ही काफी नहीं हैं। सही खानपान और पारंपरिक घरेलू उपाय भी उतने ही कारगर हो सकते हैं। गोंद कतीरा, जो सालों से आयुर्वेद में इस्तेमाल हो रहा है, एक ऐसा ही प्राकृतिक टॉनिक है जो दूध के साथ मिलकर हड्डियों को अंदर से मजबूत बनाने का काम करता है। तो आज से ही इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और फर्क खुद महसूस करें।