प्री-डायबिटीज क्या है? यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन डायबिटीज जितना अधिक नहीं होता। यह स्थिति खतरनाक इसलिए है क्योंकि अगर इसका समय रहते इलाज न किया जाए तो यह टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकती है।
प्री-डायबिटीज के अन्य लक्षण:
- बार-बार प्यास लगना: अगर आपको लगातार पानी पीने की इच्छा होती है तो यह प्री-डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
- बार-बार पेशाब आना: खासकर रात में।
- थकान: लगातार थका हुआ महसूस होना।
- धुंधला दिखाई देना: आंखों में धुंधलापन या बार-बार चश्मे का नंबर बदलना।
- धीरे-धीरे ठीक होने वाले घाव: छोटे-छोटे घावों का देर से ठीक होना।
- सूजन: हाथों, पैरों या चेहरे में सूजन।
- खुजली: त्वचा में खुजली होना।
प्री-डायबिटीज क्यों होता है?
- अधिक वजन: मोटापा प्री-डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण है।
- शारीरिक गतिविधि की कमी: नियमित व्यायाम न करने से भी प्री-डायबिटीज हो सकता है।
- परिवारिक इतिहास: अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है तो आपको भी होने का खतरा ज्यादा होता है।
- उम्र: बढ़ती उम्र के साथ प्री-डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
प्री-डायबिटीज का इलाज:
- स्वस्थ आहार: फाइबर से भरपूर भोजन करें, चीनी और संतृप्त वसा से बचें।
- नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।
- वजन कम करें: अगर आपका वजन अधिक है तो उसे कम करने की कोशिश करें।
- दवाएं: कुछ मामलों में डॉक्टर दवाएं भी लिख सकते हैं।
प्री-डायबिटीज को क्यों गंभीरता से लें?
- डायबिटीज का खतरा: अगर इसका समय रहते इलाज न किया जाए तो यह टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकती है।
- अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी और नर्व डैमेज जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
यदि आपको लगता है कि आपको प्री-डायबिटीज के लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
नोट: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लेनी चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा किसी डॉक्टर से सलाह लें।
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