पूरी दुनिया की हर कोर्ट में अक्सर पति-पत्नी के केस सामने आते हैं, जो कई बार काफी गंभीर होते हैं, लेकिन हाल ही में कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने पति-पत्नी का एक ऐसा केस आया जो आपको हैरान कर देगा और सोचने पर मजबूर कर देगा कि कैसे एक फ्रेंच फ्राइज को लेकर मामला कोर्ट तक पहुंच गया. हाल ही में कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने आए एक केस में महिला ने अपने पति को लेकर एक ऐसा आरोप लगाया जो आपको चौंका देगा, इस आरोप के चलते पति पर कई तरह की पाबंदी तक लगा दी गई.
एक भारतीय कपल अमेरिका में रहता था और वहीं उनके बच्चे का जन्म हुआ था, जिसके बाद वो वापस भारत आ गए, महिला ने शिकायत कर पति पर आरोप लगाया कि अमेरिका में बच्चे का तुरंत जन्म होने के बाद कथित तौर पर पति ने पत्नी को फ्रेंच फ्राइज, चावल और मांस खाने से रोका. पति की इस बात पर महिला भड़क गई और मामले को कोर्ट में ले गई. हालांकि, पति ने पत्नी की इस शिकायत पर कहा कि जिस समय वो प्रेगनेंट थी और वो अमेरिका में थे, पत्नी अपने पति से घर का सारा काम कराती थी.
यह केस जब कोर्ट में गया तो न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने इस केस की जांच पर रोक लगा दी और कहा, व्यक्ति (पति) के खिलाफ आरोप काफी मामूली है. साथ ही जज ने टिप्पणी की कि जांच जारी रखना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने जैसा होगा. जांच रोकने की मांग यह कहते हुए दी गई कि शिकायत में दिया गया तर्क काफी बेतुका है.
कोर्ट ने कहा, पति के खिलाफ किसी भी जांच की इजाजत देना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा और पत्नी के आरोपों पर प्रीमियम लगाया जाएगा. पति के वकील ने बताया कि पत्नी की शिकायत के बाद उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था, जिससे उन्हें अमेरिका में काम पर लौटने से रोक दिया गया था. अब एलओसी को हटाते हुए कोर्ट ने पति को अमेरिका जाने और काम पर लौटने की इजाजत दी. साथ ही अदालत ने पहले ही पति के माता-पिता के खिलाफ जांच पर भी रोक लगा दी थी. जस्टिस नागप्रसन्ना ने इस मामले में एलओसी के इस्तेमाल की आलोचना करते हुए इसे कानूनी व्यवस्था का दुरुपयोग बताया.