चेहरे पहचानने में दिक्कत? हो सकता है प्रोसोपैग्नोसिया! जानें इसके कारण और समाधान

क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि कोई परिचित व्यक्ति आपके सामने खड़ा है, लेकिन आप उसे पहचान नहीं पा रहे? कोई आपको नमस्कार या हेल्लो कर रहा है और आप चुपचाप खड़े हैं, क्योंकि आपको याद ही नहीं आ रहा कि यह कौन है? अगर ऐसा बार-बार हो रहा है, तो यह सामान्य भूलने की समस्या नहीं, बल्कि प्रोसोपैग्नोसिया (फेस ब्लाइंडनेस) हो सकती है.

इस बीमारी में व्यक्ति को लोगों के चेहरे पहचानने में कठिनाई होती है. कुछ मामलों में यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति अपने परिवार के सदस्यों को भी पहचान नहीं पाता या आईने में खुद को देखने के बाद भी खुद को नहीं पहचान पाता.

इस बीमारी के कारण क्या हैं?
प्रोसोपैग्नोसिया के दो मुख्य कारण होते हैं:

1️⃣ जन्मजात प्रोसोपैग्नोसिया:

कुछ लोगों में यह जन्म से ही होती है, जिसे डिवेलपमेंटल प्रोसोपैग्नोसिया कहा जाता है.
इसमें दिमाग का वह हिस्सा, जो चेहरे पहचानने का काम करता है, सही तरीके से विकसित नहीं हो पाता.
2️⃣ अर्जित प्रोसोपैग्नोसिया:

यह किसी दिमागी चोट, स्ट्रोक या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के कारण हो सकता है.
जब दिमाग का वह हिस्सा प्रभावित हो जाता है, जो चेहरे पहचानने में मदद करता है, तो व्यक्ति इस समस्या से जूझने लगता है.
कैसे पहचानें इस बीमारी के लक्षण?
👉 लोग अक्सर आवाज, कपड़ों या चलने के अंदाज से दूसरों को पहचानने की कोशिश करते हैं.
👉 कुछ मामलों में लोगों को टीवी, फिल्मों या तस्वीरों में भी चेहरों को पहचानने में दिक्कत होती है.
👉 व्यक्ति बार-बार चेहरे भूल जाता है और कई बार अपने ही करीबी लोगों को पहचानने में असमर्थ होता है.

क्या यह बीमारी ठीक हो सकती है?
🔹 फिलहाल इस बीमारी का कोई पक्का इलाज नहीं है, लेकिन कुछ तरीके अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है:
✅ चेहरे के बजाय अन्य संकेतों पर ध्यान दें – कपड़े, आवाज, हेयरस्टाइल या शरीर की बनावट देखकर पहचानने की आदत डालें.
✅ खास एक्सरसाइज और ट्रेनिंग – इससे दिमाग की चेहरे पहचानने की क्षमता को थोड़ा बेहतर किया जा सकता है.
✅ मनोवैज्ञानिक मदद लें – इससे व्यक्ति को खुद को अलग-थलग महसूस करने से रोका जा सकता है.

क्या करें अगर यह समस्या हो?
⚠️ अगर आपको या आपके किसी करीबी को चेहरे पहचानने में लगातार दिक्कत हो रही है, तो इसे हल्के में न लें.
⚠️ तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट या मनोचिकित्सक से संपर्क करें.
⚠️ सही समय पर इस समस्या पर ध्यान दिया जाए, तो इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.
⚠️ इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है, ताकि इससे प्रभावित लोगों को उचित सहयोग मिल सके.

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