पैनिक अटैक और हार्ट अटैक के लक्षणों में अंतर, समझें क्या है असली फर्क

बढ़ती आधुनिकता के साथ मानसिक बीमारियों में भी इजाफा हो रहा है। आजकल पैनिक अटैक जैसी समस्याएं लोगों में आम हो गई हैं, जिनमें लक्षण हार्ट अटैक से काफी मिलते-जुलते होते हैं। यही वजह है कि कई बार लोग पैनिक अटैक या एंजाइटी से गुजर रहे होते हैं, लेकिन उनके लक्षण हार्ट अटैक जैसे होते हैं, जिससे वे गलती से हार्ट की बीमारी का इलाज करवाने लगते हैं। इस भ्रम से बचने के लिए जरूरी है कि आप पैनिक अटैक और हार्ट अटैक के लक्षणों के बीच की बारीक लाइन को समझें।

क्या होता है भ्रम?
एंजाइटी या पैनिक अटैक में अक्सर दिल की धड़कन तेज हो जाती है, सांस लेने में दिक्कत, घुटन और बैचेनी महसूस होती है। इन लक्षणों के कारण लोग समझ लेते हैं कि उन्हें दिल की बीमारी, फेफड़ों की समस्या, या ब्लड प्रेशर की परेशानी हो सकती है, लेकिन वे एंजाइटी या पैनिक अटैक जैसी मानसिक समस्याओं के बारे में सोचते नहीं हैं। इस भ्रम के चलते लोग गलत इलाज करवाते हैं, जो महंगे होते हैं, और तब भी कोई राहत नहीं मिलती।

कैसे पहचानें पैनिक अटैक?
आजकल मानसिक बीमारियों में वृद्धि हो रही है, और इस बारे में जागरूकता की कमी है। पैनिक अटैक के दौरान कई लोग तेज सिर दर्द, पेट दर्द, मांसपेशियों में तनाव, थकान, पाचन संबंधी समस्याएं, और कभी-कभी स्किन जलने जैसी समस्याएं महसूस करते हैं। ये सभी लक्षण स्ट्रेस के कारण होते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि आप इन लक्षणों को पहचानकर सही इलाज करवाएं।

हार्ट रोग और पैनिक अटैक में क्या है फर्क?
हार्ट रोग और पैनिक अटैक के बीच अंतर को पहचानने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए:

पैनिक अटैक या एंजाइटी आपको अक्सर आराम के समय या काम न करने के दौरान महसूस होती है।
हार्ट से जुड़ी समस्या तब महसूस होती है जब आप शारीरिक मेहनत कर रहे होते हैं, जैसे लंबी दूरी तक पैदल चलना, दौड़ना, या भारी सामान उठाना।
इन दोनों स्थितियों के आधार पर हम आसानी से पैनिक अटैक और हार्ट अटैक के लक्षणों के बीच फर्क कर सकते हैं।

निष्कर्ष
आजकल मानसिक बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने की सख्त जरूरत है। जब लोग सही समय पर अपने लक्षणों को पहचानकर इलाज करवाते हैं, तो वे जल्दी ठीक हो सकते हैं। इसलिए, पैनिक अटैक और हार्ट अटैक के लक्षणों में अंतर समझना बहुत जरूरी है, ताकि सही समय पर सही इलाज किया जा सके।

यह भी पढ़ें:

टी20 सीरीज का पहला मैच: क्या गौतम गंभीर टीम इंडिया की किस्मत बदल पाएंगे