तिरुपति मंदिर प्रसादम विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस पर हिन्दू साधुओं में भारी आक्रोश है. इसी बीच बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बयान सामने आया है. उन्होंने मामले की भड़कते हुए आंध्र सरकार से दोषियों के खिलाफ फांसी तक की मांग कर डाली. उन्होंने इसे सनातनियों के खिलाफ एक षड्यंत्र करार दिया और कहा कि भारत के सनातनियों का धर्म भ्रष्ट करने की पूर्ण रूप से तैयारी की गई है.
धीरेंद्र शास्त्री ने आंध्र प्रदेश सरकार से सख्त से सख्त कानून बनाने और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की. उन्होंने कहा है कि दक्षिण भारत में तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी के घी का लड्डू का प्रसाद वितरण किया गया था. अगर यह जानकारी सत्य है, तो यह बहुत बड़ा अपराध है. निश्चित रूप से भारत के सनातनियों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र किया गया है.
इस प्रकार का कृत्य करके भारत के सनातनियों का धर्म भ्रष्ट करने की पूर्ण रूप से तैयारी की गई है. हम तो चाहेंगे कि वहां की सरकार सख्त से सख्त कानून बनाकर दोषियों को फांसी की सजा दे. अगर भगवान के प्रसाद में चर्बी का प्रयोग किया गया या मछली के तेल का प्रयोग किया गया है तो इससे बड़ा वर्तमान में भारत में कोई दूसरा दुर्भाग्य नहीं हो सकता है.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि इस मामले की बारीकी से जांच होनी चाहिए. मैं सरकार से कहूंगा कि शीघ्र से शीघ्र हिंदुओं के मंदिरों को हिंदू बोर्ड के अधीन कर दें. जिससे कि किसी भी सनातनी की आस्था को ठेस ना पहुंचे. यह सुनकर के मेरा मन बहुती दुखी है. मैं चाहूंगा कि जितने भी तीर्थ स्थल हैं. वहां पर बारीकी से सभी सनातनी जांच करवाएं. इस प्रकार की घटना दोबारा न हो, इसके लिए सभी एकजुट होकर तैयार रहें और अब मंदिरों को सनातनियों के ही अधीन कर देना चाहिए वर्ना इससे ऐसी स्थितियां निर्मित होती रहेंगी.