उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का विमान फंसा, पायलट ने उड़ाने से किया इनकार, एयरपोर्ट पर 45 मिनट का हंगामा

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को शुक्रवार रात उस वक्त असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब जलगांव एयरपोर्ट पर उनके विमान का पायलट उड़ान भरने से अचानक मुकर गया। शिंदे को मुंबई लौटना था, लेकिन ऐन वक्त पर पायलट ने सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर विमान उड़ाने से इनकार कर दिया।

पायलट ने कहा – “अब और नहीं उड़ सकता”
सूत्रों के मुताबिक, पायलट बीते 12 घंटे से लगातार उड़ानें भर रहा था। एविएशन से जुड़े सुरक्षा नियमों के अनुसार, एक निर्धारित समय से अधिक लगातार विमान उड़ाना पायलट की सेहत और यात्रियों की सुरक्षा दोनों के लिए खतरनाक माना जाता है। इसी के चलते उसने विमान उड़ाने से मना कर दिया।

मंत्री और शिंदे खुद उतरे पायलट को मनाने
जैसे ही यह खबर फैली, एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन और गुलाबराव पाटिल पायलट को मनाने खुद पहुंचे। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने भी बातचीत में हिस्सा लिया। काफी देर तक समझाने-बुझाने के बाद पायलट ने उड़ान भरने पर सहमति जताई।

मंत्री गिरीश महाजन ने बयान में कहा,

“पायलट की तबीयत कुछ ठीक नहीं थी, वह अपनी बात सही से नहीं रख पाया। हमने कंपनी से बात की और मामला सुलझा लिया।”

उठे कई सवाल: क्या VVIP उड़ानों में नियमों की अनदेखी हो रही है?
हालांकि, यह घटनाक्रम अब सवालों के घेरे में है।

क्या पायलट की थकान और सुरक्षा को दरकिनार किया गया?

क्या किसी वीवीआईपी की उड़ान के लिए एविएशन नियमों से छेड़छाड़ की गई?

क्या ऐसे मामलों में पायलट पर अनावश्यक दबाव बनाया जाता है?

इस मामले ने एक बार फिर भारत में वीवीआईपी कल्चर और उड्डयन सुरक्षा मानकों की गंभीरता पर बहस छेड़ दी है।

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