दिल्ली को मिली नई सीएम! रेखा गुप्ता ने संभाली सत्ता की कमान

दिल्ली में 11 दिनों से जारी सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया। बीजेपी ने शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से उन्हें नेता चुना गया। उनके नाम का प्रस्ताव प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय ने रखा, जिसे राजकुमार चौहान, आशीष सूद और मनजिंदर सिंह सिरसा ने समर्थन दिया। इस तरह, रेखा गुप्ता अब दिल्ली की बागडोर संभालेंगी।

दिल्ली को मिली चौथी महिला मुख्यमंत्री
रेखा गुप्ता दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री और चौथी महिला सीएम बनी हैं। उनसे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी यह पद संभाल चुकी हैं। दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली की राजनीति में महिला नेताओं को सत्ता संभालने का लंबा इतिहास रहा है।

सुषमा से आतिशी तक: दिल्ली में महिला सीएम का दबदबा
दिल्ली में जब 1993 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे, तो बीजेपी ने बहुमत के साथ सरकार बनाई और मदनलाल खुराना मुख्यमंत्री बने। हालांकि, खुराना के बाद सत्ता की कुर्सी साहिब सिंह वर्मा को मिली, लेकिन जल्द ही उन्हें भी पद छोड़ना पड़ा।

1998 में बीजेपी ने सुषमा स्वराज को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनाया। हालांकि, कुछ ही महीनों बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से करारी हार का सामना करना पड़ा और शीला दीक्षित की सरकार बनी।

शीला दीक्षित का 15 साल का राज
शीला दीक्षित दिल्ली की सबसे लंबी अवधि तक रहने वाली मुख्यमंत्री रहीं। 1998 से 2013 तक उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने तीन बार लगातार चुनाव जीते। उनके कार्यकाल में दिल्ली में मेट्रो, सड़कें और इंफ्रास्ट्रक्चर में जबरदस्त सुधार हुआ। लेकिन कॉमनवेल्थ घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कांग्रेस की लोकप्रियता घटने लगी, और 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री हुई।

केजरीवाल से आतिशी तक का सफर
अरविंद केजरीवाल 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन यह सरकार केवल 49 दिन ही चल पाई। 2015 और 2020 में AAP ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की और केजरीवाल ने लगातार दो कार्यकाल पूरे किए।

लेकिन शराब घोटाले में फंसने के बाद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और 2024 में आतिशी को अपनी राजनीतिक विरासत सौंप दी। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन 2025 के चुनाव में AAP को करारी हार मिली।

रेखा गुप्ता: छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री तक का सफर
2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की। पार्टी ने छात्र राजनीति से निकली रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया।

रेखा गुप्ता तीन बार पार्षद और डीयू छात्र संघ की महासचिव रही हैं। वह शालीमार बाग से दो बार विधानसभा चुनाव हार चुकी थीं, लेकिन पार्टी ने उन पर भरोसा बनाए रखा और 2025 में जीत दर्ज करने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद सौंपा गया।

रेखा गुप्ता की नई चुनौतियां
दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद रेखा गुप्ता के सामने कई अहम चुनौतियां होंगी, जिनमें बिजली-पानी, ट्रैफिक, प्रदूषण और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार शामिल हैं। साथ ही, बीजेपी को AAP की नीतियों को बदलकर अपनी नई योजनाएं लागू करनी होंगी।

अब देखना होगा कि रेखा गुप्ता की अगुवाई में बीजेपी दिल्ली में कितनी मजबूती से अपनी पकड़ बना पाती है।

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