उच्चतम न्यायालय ने भूषण स्टील के पूर्व प्रवर्तक नीरज सिंघल को 46,000 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी से उपजे धनशोधन मामले में शुक्रवार को जमानत दी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि सिंघल 16 महीने से जेल में हैं और सुनवाई जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है।
पीठ ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता अपना पासपोर्ट जमा कराए और अदालत की अनुमति के बिना वह भारत नहीं छोड़ेगा। यदि कोई उल्लंघन होता है तो अभियोजन पक्ष के पास आदेश को वापस लेने का अनुरोध करने का विकल्प होगा।’’
सिंघल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आठ जनवरी के आदेश के खिलाफ अपील की है, जिसमें उनकी जमानत याचिका और मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
ईडी ने उच्च न्यायालय में कहा था कि सिंघल सबसे बड़े बैंकिंग धोखाधड़ी में शामिल थे जिसमें धनशोधन का अपराध भी है, और इससे 46,000 करोड़ रुपये से अधिक के सार्वजनिक धन की हानि हुई।
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