मां बनना दुनिया का सबसे सुखद अहसास है. ठीक उसी तरह प्रेग्नेंसी का पीरियड भी किसी मां के जीवन में ढेर सारी उम्मीदें लेकर आता है. प्रेग्नेंसी पीरियड में गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ साथ होने वाली मां को अपनी हेल्थ की भी केयर करनी पड़ती है. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि प्रेग्नेंसी डाइट इस तरह की होनी चाहिए कि होने वाली मां को पूरा पोषण मिल सके. ऐसे में जामुन को बेहतरीन प्रेग्नेंसी डाइट के तौर पर देखा जाता है. काला जामुन हेल्थ के लिए जरूरी औऱ गर्भ में पल रहे शिशू के विकास के लिए पोषक तत्वों का भंडार कहा जा सकता है. चलिए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में जामुन खाना कितना फायदेमंद हो सकता है.
पोषक तत्वों से भरपूर है जामुन
जामुन रंग में भले ही काला होता है लेकिन ये रसीला फल बहुत न्यूट्रिशयस होता है. इसमें ढेर सारे एंटी ऑक्सिडेंट्स के साथ साथ हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी कैल्शियम, फास्फोरस और कई तरह के फ्लेवोनाइड्स होते हैं. जामुन फाइबर से भरपूर होता है औऱ इसके अंदर फोलिक एसिड, फैट, राइबोफ्लेविन , प्रोटीन और सोडियम भी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो प्रेग्नेंसी में महिलाओं को इन सब पोषक तत्वों की काफी जरूरत होती है और जामुन के सेवन से ये जरूरत पूरी होती है.
प्रेग्नेंसी में जामुन खाने के फायदे
प्रेग्नेंसी में अगर कोई महिला रोज आधा से एक कटोरी जामुन खाए तो उसे काफी सारा कैल्शियम मिलेगा. इसके साथ ही जामुन के सेवन से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है. प्रेग्नेंसी में अक्सर ब्लड प्रेशर बढ़ने की शिकायत रहती है. ऐसे में जामुन के सेवन से फायदा होगा. दूसरी तरफ प्रेग्नेंसी पीरियड में अक्सर होने वाली मां को कब्ज और पाचन संबंधी दिक्कतें देखने को मिलती है. जामुन के सेवन से ना केवल पाचन में सुधार होगा बल्कि मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होगा.
प्रेग्नेंट महिलाओं के दिल के लिए भी अच्छा है जामुन
प्रेग्नेंसी में जामुन के सेवन से महिलाओं का दिल स्वस्थ रखा जा सकता है. चूंकि जामुन के सेवन से बीपी संतुलित रहता है और इसके साथ साथ जामुन हार्ट वैसल्स को सुरक्षित रखता है. इससे प्रेग्नेंट महिलाओं को हार्ट अटैक की संभावनाएं कम हो जाती है. प्रेग्नेंसी में जामुन का सेवन करने से प्रेग्नेंट महिला की इम्यूनिटी मजबूत होती है. उसका शरीर मौसमी बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है. इसमें पाया जाने वाला आयरन शरीर में खून की कमी दूर करता है और एनीमिया की संभावनाएं कम करता है.