करेला, जिसे कड़वेला भी कहा जाता है, एक स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जी है। यह विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।
डायबिटीज के रोगियों के लिए करेले का जूस फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि:
- यह रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। करेले में एक ऐसा तत्व होता है जो कोशिकाओं को ग्लूकोज (glucose) को बेहतर ढंग से अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे रक्त में शर्करा का स्तर कम होता है।
- यह इंसुलिन सेंसिटिविटी (insulin sensitivity) में सुधार कर सकता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर को ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। करेले का जूस इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाकर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- यह वजन कम करने में मदद कर सकता है। मधुमेह रोगियों में अक्सर मोटापे की समस्या भी होती है। करेले का जूस कैलोरी में कम और फाइबर में उच्च होता है, जो आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करा सकता है और वजन कम करने में मदद कर सकता है।
- यह सूजन (inflammation) को कम करने में मदद कर सकता है। मधुमेह सूजन को बढ़ा सकता है, जो हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है। करेले में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए करेले के जूस का सेवन कैसे करें:
- सुबह खाली पेट एक गिलास (लगभग 200 मिलीलीटर) ताजा करेले का जूस पिएं। आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा नींबू का रस या शहद मिला सकते हैं।
- आप दिन में दो बार भी करेले का जूस पी सकते हैं, सुबह खाली पेट और रात के खाने से पहले।
- यदि आप किसी भी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो करेले का जूस पीने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
- ध्यान दें: करेले का जूस कुछ लोगों में पेट खराब, दस्त और उल्टी जैसी दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। यदि आपको कोई दुष्प्रभाव अनुभव होता है, तो इसका सेवन बंद कर दें और अपने डॉक्टर से बात करें।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि करेले का जूस मधुमेह का इलाज नहीं है। यह केवल रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए एक सहायक उपाय है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए आपको डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं का सेवन करना चाहिए और स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए।
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