किसान सम्मान निधि जैसी याेजना कांग्रेस ने कभी नहीं बनाई बल्कि किसानाें पर गाेलियां चलवाईं : शिवराज सिंह चाैहान

राज्यसभा में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि याेजना पर चर्चा करते हुए साेमवार काे एक बार फिर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने कांग्रेस काे घेरा। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने किसानाें की प्रत्यक्ष सहायता ताे की लेकिन किसान सम्मान निधि जैसी याेजना कांग्रेस ने कभी नहीं बनाई बल्कि किसानाें पर गाेलियां चलवाईं, इसमें कई किसान मारे गए। केंद्रीय मंत्री कांग्रेस के सदस्य रणदीप सुरजेवाला के सवालाें का जवाब दे रहे थे।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने आगे कहा कि किसानाें के हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने किसान सम्मान निधि याेजना बनाई। उन्हाेंने कहा कि यह राशि भले ही छह हजार रुपये हाे, लेकिन जाे लघु किसान, छाेटे किसान व सीमांत किसान हैं, उनके लिए छह हजार रुपये मायने रखते हैं। उन्हाेंने कहा कि कई बार किसानाें काे आदान के लिए काे छाेटी-छाेटी जरूरतें पूरी करने के लिए छाेटी राशि की जरूरत पड़ती थी, जब पैसा नहीं हाेता था तब उसे ऊंची ब्याज की दराें पर लेने पड़ते थे। इस सम्मान याेजना के कारण किसान स्वावलंबी व सशक्त हुआ है। किसान का सम्मान भी हुआ है। ये (कांग्रेस) किसान का सम्मान भी नहीं देख सकते।

राज्यसभा में अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान की एक रिपाेर्ट का जिक्र करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने कहा कि एक स्वतंत्र अध्ययन के अनुसार पीएम किसान सम्मान निधि याेजना के तहत वितरित धनराशि ने ग्रामीण आर्थिक विकास उत्प्रेरक का काम किया है। किसानाें के लिए ऋण संबधित बाधाअाें से मुक्त किया है। कृषि क्षेत्र में निवेश काे बढ़ाया है। जाेखिम लेने की क्षमता काे भी बढ़ाया है, जिससे वे कृषि क्षेत्र में संभावित क्षेत्र से अधिक उत्पादक निवेश करने में सक्षम हुए हैं।

इस बीच कांग्रेस के सदस्याें द्वारा बार बार व्यवधान डाले जाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने रुखे स्वर में कहाकि अलग अलग राज्याें में कांग्रेस की सरकार में इनके हाथ किसानाें के खून से सने। उन्हाेंने कहा कि 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब 23 किसानाें की माैत गाेलाबारी से हुई थी। 1988 में दिल्ली में श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि पर किसानाें पर गाेली चलाई गई, इसमें दाे किसान मारे गए। 1988 में मेरठ में किसानाें पर फायरिंग की 5 किसान मारे गए। 23 अगस्त 1995 हरियाणा में गाेली चलाई छह किसान मारे गए। 12 जनवरी 1998 में मुलताई में किसानाें पर गाेली चली, इन दिनाें कांग्रेस की सरकार थी। इसमें 24 किसान मारे गए। आंध्रप्रदेश में 2010 में दाे किसान मारे गए। 8 मई उत्तरप्रदेश के नाेएडा में चार किसानाें की गाेली से माैत हुई।

इसके बाद शिवराज सिंह चाैहान ने कहा कि 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री के भाषणाें काे भी पढ़ा। उन्हाेंने आगे कहा कि दुख व तथ्य के साथ बता रहा हूं कि कांग्रेस की प्राथमिकता किसान नहीं है। उन्हाेंने स्व.पंडित जवाहरलाल नेहरू के भाषणाें का उल्लेख करते हुए कहा कि 1947 व 1948 के बाद उनके भाषण में किसान शब्द नहीं आया उन्हाेंने कहा कि स्व. इंदिरा गांधी के भाषणाें में कभी भी पालिसी की बात नहीं की। राजीव गांधी की भी प्राथमिकता किसान नहींं रहे। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने लाल किले से प्राचीर से अभी तक किसान शब्द का सैकड़ाें पर उपयाेग किया। इसकी वजह है कि उनके दिल में किसान था, आज भी हैं।

शिवराज सिंह चाैहान ने कहा कि नाटक से किसान की नीति नहीं बदलेंगी। उन्हाेंने का कहा कि एक कांग्रेस के नेता पैदलयात्रा पर निकले थे। उनके 2023 के एक दाैरे का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हाेंने उस वीडियाे काे देखा किसानाें से ज्यादा कैमरामैन थे। दाे किसानाें काे पकड़कर खेत में ले जा रहे थे। वहां रील बनाई जा रही थी। उन्हाेंने वीडियाे काे सदन के पटल पर रख दिया।

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