कांग्रेस नेता अजय माकन का मतगणना प्रक्रिया के नए नियम पर ऐतराज, जानिए पूरा मामला

लोकसभा चुनाव अब समाप्त हो चुके है कल यानी एक जून के दिन को सातवें चरण के मतदान संपन्न होने के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 की मतदान प्रक्रिया भी अब संपन्न हो चुकी है अब सभी को इंतजार है इनके परिणामों का। चुनाव प्रक्रिया खतम होने के बाद मीडिया चैनलों, सर्वे की जाने वाली एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल को जारी किया गया। अभी तक एनडीए को 400 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। जैसा की सभी को ही चार जून को आने वाले नतीजे का इंतजार है। मतगणना प्रक्रिया को लेकर काग्रेस नेता अजय माकन का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है की हाल ही में मतगणना को लेकर एक नए नियम को लेकर उन्होंने आपत्ति जताई है, उन्होंने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया है की पहली बार चार जून को निर्वाचन अधिकारी की टेबल पर उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को मतगणना प्रक्रिया के दौरान अनुमति नहीं दी जा रही है।

ईसीआई ने जानकारी में कहा है की लोकसभा election के सातवें और अंतिम चरण में सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक जून को हुए मतदान में लगभग 62.36 प्रतिशत तक मतदान हुए थे और छह चरणों  के चुनाव की तारीख क्रमशः 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई और 25 मई को मतदान हुआ था।

कांग्रेस नेता ने ईवीएम में कथित धांधली को लेकर भारत के चुनाव आयोग से इसके समाधान का आग्रह किया है। कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा है की, ‘एआरओ की टेबल पर ऐसा पहली बार हो रहा है की उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को मतगणना प्रक्रिया के दौरान अनुमति नहीं दी जा रही है। मैंने पहले भी नौ लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े हैं और ये पहली बार हो रहा है।  मैं इस मुद्दे को सभी उम्मीदवारों के लिए सामने रख रहा हूं। इस बात पर उन्होंने कहा की चुनाव आयोग के अधिकारी जल्द ही इसमें सुधार कर लेंगे।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी किंतरफ से इस बात पर स्पष्ट किया गया है की मतगणना प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को आरओ और एआरओ की टेबल पर रहने की अनुमति होगी। दिल्ली कार्यालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को आरओ/एआरओ की टेबल पर अनुमति दी जाती है।’

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