मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा भूचाल आया है। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
पार्टी ने उन पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानबाज़ी का आरोप लगाते हुए यह कड़ा कदम उठाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने इस फैसले की पुष्टि की।
💥 किस बयान ने बजा दी बर्खास्तगी की घंटी?
24 अप्रैल को लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा, और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ विवादित बयान दे दिए।
उन्होंने कहा था कि,
“उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिले हुए हैं।”
“रॉबर्ट वाड्रा और राहुल गांधी की बचकानी बातों से देश को नुक़सान हो रहा है।”
“अगर पार्टी को मुझे निकालना है, तो आज ही निकाल दे।”
इन बयानों के बाद से ही चर्चा थी कि पार्टी उन पर एक्शन ले सकती है – और 11 जून को आधिकारिक तौर पर उन्हें निष्कासित कर दिया गया।
⚖️ कांग्रेस ने दिखाई सख्ती, दिया स्पष्ट संदेश
कांग्रेस की अनुशासन समिति ने लक्ष्मण सिंह के बयानों को गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं, और यह फैसला पार्टी अनुशासन बनाए रखने के लिए ज़रूरी था।
यह घटना पार्टी के अंदर गहराते मतभेदों को भी उजागर करती है, लेकिन साथ ही यह संदेश भी देती है कि कांग्रेस अब ‘नो टॉलरेंस’ नीति पर चल रही है।
🧑💼 कौन हैं लक्ष्मण सिंह?
दिग्विजय सिंह के छोटे भाई
5 बार लोकसभा सांसद और 3 बार विधायक
कांग्रेस के साथ-साथ एक समय पर भाजपा में भी रह चुके हैं
बीजेपी टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीते थे
2023 में विधानसभा चुनाव हार गए
लक्ष्मण सिंह का कांग्रेस से पुराना जुड़ाव रहा है, लेकिन इस ताज़ा विवाद ने उनके राजनीतिक सफर को नया मोड़ दे दिया है।
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