लोकसभा चुनाव में अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से हिमांगी को उम्मीदवार के रूप में चुना गया है। हिमांगी ने कहा है की वह पीएम के खिलाफ नहीं लड़ रही हैं, देश की हाई प्रोफाइल सीट की बात करें तो वाराणसी में लोकसभा सीट पर बीजेपी ने फिर से एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा गया है यह उनका तीसरा मौका है जिसमे उन्होंने भगा लिया है। जहां इंडिया गठबंधन में अजय राय का नाम घोषित किया है।
अब की पीएम के सामने कुछ चौका देने वाले नाम सामने आए है महामंडलेश्वर किन्नर हिमांगी सखी का जो देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर, इन्होंने किन्नरों के मुद्दे पर बनारस में पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरी है। उनका मानना है की वह अपनी कम्युनिटी की बात सभी लोगों तक पहुंचाना चाहती हैं। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि चुनावी राजनीति में ट्रांसजेंडर समुदाय का न कोई खास दखल नहीं रहा है।ऐसा पता चला है की हमारे देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर, इस बार किन्नरों के मुद्दे पर बनारस में पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में लड़ने वाली हैं वह चुनाव अखिल भारतीय हिंदू महासभा की बैनर की तरफ से लड़ेंगी।
हिमांगी सखी को अखिल भारत हिंदू महासभा (एबीएचएम) ने टिकट दिया है. ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों की ओर सरकार और राजनीतिक दलों का ध्यान आकर्षित करने के लिए हिमांगी सखी ने चुनाव में उतरने का फैसला किया. हिमांगी सखी ने कहा कि यह अच्छा है कि पीएम मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कैंपेन को लॉन्च किया. लेकिन कभी भी किसी ने किन्नरों के लिए कोई अभियान शुरू नहीं किया
साल 2014 और 2019 से वाराणसी शहरीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बना हुआ है, दोनों ही बार उन्होंने जीत का झंडा लहराया है। अबकी इस मुकाबले में किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी की एंट्री कराई गई है वह संगठन का वह चेहरा हैं जो ट्रांसजेंडर कम्युनिटी का प्रतिनिधित्व करता है।
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