अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से मालदीव को बढ़ते कर्ज के लिए चेताया गया है। IMF के मालदीव को बाहरी और समग्र ऋण संकट के उच्च जोखिम की चेतावनी दिए जान के बाद चीन की ओर से अहम बयान आया है। मालदीव के सबसे बड़े ऋणदाता चीन ने कहा है कि माले और बीजिंग के बीच लोन रीपेमेंट में कुछ राहत प्रदान करने के लिए चर्चा हो रही है। ऐसे में उम्मीद है कि चीन की ओर से आने वाले समय में मालदीव को कर्ज पर कुछ राहत का ऐलान हो सकता है।
चीनी समाचार पोर्टल Edition.mv की एक रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव में चीन के राजदूत वांग लिक्सिन ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि ऋण पुनर्गठन (रीस्ट्रक्चरिंग) कोई स्थायी समाधान नहीं है। इससे कहीं ना कही मालदीव को बीजिंग से भविष्य में वित्तीय सहायता मांगने में भी बाधा आएगी। वांग ने बताया कि चीन और मालदीव की एक तकनीकी टीम इस मुद्दे पर वार्ता कर रहे हैं।
आईएमएफ ने मालदीव को क्या कहा
आईएमएफ की ओर से 13 मई को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मालदीव का मुख्य रूप से द्विपक्षीय और वाणिज्यिक ऋणदाताओं पर बकाया बाहरी सार्वजनिक और सार्वजनिक गारंटी (पीपीजी) ऋण 2022 में 3,072 मिलियन डॉलर (सकल घरेलू उत्पाद का 49 प्रतिशत) हो गया है। ये 2021 से 3,046 मिलियन डॉलर ज्यादा है। पीपीजी कर्ज के 19 प्रतिशत के साथ चीन मालदीव का सबसे बड़ा ऋणदाता है।
चीन के राजदूत वांग ने कहा कि उनका देश नहीं चाहता कि मालदीव का कर्ज और ज्यादा बढ़े। ऐसे में चीन की ओर से मालदीव को और ग्रांट और मुफ्त सहायता देने को प्राथमिकता दी जाएगी। यहां ये भी ध्यान देने की बात है कि चीनी राजदूत की यगह टिप्पणी भारत की ओर से मालदीव को एक साल के लिए 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिल के रोलओवर के साथ बजटीय समर्थन देने के कुछ दिनों बाद आई है। माले की ओर से इसके लिए भारत से अनुरोध किया गया था।