आजकल बच्चों के हाथों में फोन, टैब और टीवी रिमोट ऐसा चिपक गया है कि मानो ये उनका नया खिलौना बन गया हो।
माता-पिता लाख मना करें, लेकिन बच्चे किसी न किसी बहाने से स्क्रीन का समय निकाल ही लेते हैं।
पर क्या आपने सोचा है कि यह आदत बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर कितना गहरा असर डाल रही है?
🧠 स्क्रीन टाइम का बच्चों के दिमाग पर असर
ज़्यादा देर तक स्क्रीन देखने से बच्चों का न्यूरोलॉजिकल डेवलपमेंट प्रभावित होता है।
वो धीरे-धीरे सोशल स्किल्स खोने लगते हैं और अकेले रहना पसंद करने लगते हैं।
लंबे समय तक यही आदतें उन्हें न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, डिप्रेशन, और बेहद कम आत्मविश्वास की ओर ले जाती हैं।
❤️ स्क्रीन टाइम से दिल की बीमारियों का खतरा
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी 2023 और पूर्वी फिनलैंड यूनिवर्सिटी की स्टडी में सामने आया है:
जो बच्चे फिजिकली एक्टिव नहीं रहते, उनमें कम उम्र में ही दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
इकोकार्डियोग्राफी से पता चला कि ऐसे बच्चों के दिल का आकार और वजन असामान्य रूप से बढ़ जाता है।
⚠️ और कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा?
मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज
हार्मोनल असंतुलन और थकावट
न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग
एकाकीपन और सामाजिक दूरी
👨👩👧 बच्चों का स्क्रीन टाइम कैसे करें कम?
खुद समय बिताएं: बच्चे को टेक्नोलॉजी से हटाकर उनसे संवाद करें, साथ में खेलें।
बाहर भेजें: बच्चों को पार्क, आउटडोर गेम्स या सामाजिक गतिविधियों में शामिल करें।
क्रिएटिव एक्टिविटी: ड्रॉइंग, पेंटिंग, म्यूजिक, डांस, कुकिंग जैसी गतिविधियों से जोड़ें।
डेली टास्क सिखाएं: छुट्टियों में बैग, यूनिफॉर्म या शूज़ की सफाई जैसे छोटे कार्यों में लगाएं।
हॉबी डेवलप करें: डांस, स्केटिंग, कराटे, सिंगिंग जैसी उनकी पसंदीदा एक्टिविटी में एडमिशन कराएं।
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