नेशनल हेराल्ड केस एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा समेत कई लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह चार्जशीट दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश की गई है।
यह मामला वर्षों पुराना है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसकी गूंज अब और तेज हो गई है।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
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नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1938 में की थी। यह अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के तहत प्रकाशित होता था।
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वर्ष 2008 में AJL को आर्थिक दिक्कतों के चलते अखबार का प्रकाशन बंद करना पड़ा।
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बाद में ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ (YIL) नामक कंपनी के जरिए AJL का अधिग्रहण किया गया, जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी की बड़ी हिस्सेदारी थी।
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आरोप है कि इस सौदे के जरिए कांग्रेस नेताओं ने करीब 90 करोड़ रुपए की संपत्ति पर कब्जा कर लिया, और इसमें अनियमितताएं हुईं।
अब तक क्या-क्या हुआ?
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2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज करवाई।
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मामला धीरे-धीरे कोर्ट और प्रवर्तन एजेंसियों तक पहुंचा।
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ईडी ने 2022 और 2023 में सोनिया और राहुल गांधी से कई दौर की पूछताछ की।
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कांग्रेस पार्टी ने इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ बताया और कई बार देशभर में प्रदर्शन भी किए।
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राहुल गांधी ने जांच में सहयोग किया, लेकिन पार्टी ने इसे भाजपा द्वारा कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाने की कोशिश करार दिया।
ताज़ा अपडेट: अप्रैल 2025
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ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सैम पित्रोदा के नाम प्रमुख हैं।
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इस चार्जशीट में आरोप है कि ‘यंग इंडियन’ के जरिए संपत्ति हथियाने और वित्तीय हेराफेरी की गई।
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सूत्रों के मुताबिक, ईडी को विदेशी फंडिंग, AJL की संपत्तियों की वर्तमान स्थिति और ट्रांजैक्शनों से जुड़े नए साक्ष्य भी मिले हैं।
आगे क्या?
अब अदालत में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होगी।
अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो इसमें शामिल नेताओं के खिलाफ गंभीर कानूनी कार्रवाई संभव है।