ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट ने शनिवार को शंभू बॉर्डर पहुंच किसानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और कहा कि केंद्र सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए व उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हल करना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने अपने ”दिल्ली चलो” मार्च के 200 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में यहां किसान महापंचायत का आयोजन किया। किसान संगठनों ने दिल्ली चलो मार्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए शुरू किया था।
सुरक्षा बलों ने किसानों के मार्च को 13 फरवरी को रोक दिया था। इसके बाद 13 फरवरी से ही किसान पंजाब और हरियाणा की सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर और खनौरी पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
हाल ही में पेरिस में आयोजित ओलंपिक खेलों में कुश्ती के 50 किलोग्राम के फाइनल मैच से अयोग्य घोषित की गईं फोगाट को प्रदर्शनकारी किसानों ने सम्मानित किया था।
फोगाट ने अपने संबोधन में किसानों को अपना समर्थन देते हुए कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहती हूं कि आपकी बेटी आपके साथ है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की मांगें ‘अवैध’ नहीं हैं।
फोगाट ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उनकी मांगें अब तक मानी नहीं गई हैं। उन्होंने कहा कि उनकी यह स्थिति देखकर दुख होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी हम उनके लिए कुछ नहीं कर पाने के कारण खुद को असहाय महसूस करते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन हम खुद के परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाते। अनुरोध है कि सरकार उनकी बात सुने।’’
एक सवाल का जवाब देते हुए महिला पहलवान ने कहा कि यह दुखद है कि 200 दिन बीत जाने के बावजूद प्रदर्शनकारी किसान सड़कों पर बैठे हुए हैं क्योंकि उनकी मांगें नहीं मानी गई हैं।
फोगाट ने कहा, ‘‘अगर किसान हमें खाना नहीं खिलाएंगे तो हम कैसे प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे? इतना कुछ होने के बावजूद वे खुले दिल से देश का पेट भर रहे हैं। उनका दिल बड़ा है और सरकार को भी इस मामले में बड़ा दिल दिखाना चाहिए।’’
हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े एक सवाल पर चरखी दादरी जिले की पहलवान ने कहा, ‘‘मैं राजनीति के बारे में नहीं जानती। मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह हरियाणा में किसानों के आंदोलन शुरू करने पर उनका समर्थन करेंगी, उन्होंने जवाब दिया, ‘‘क्यों नहीं?’’
फोगाट ने कहा, ‘‘देश के किसान परेशान हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करने की जरूरत है। उनकी समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। मैं इस बारे में आश्वस्त हूं कि उनका संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा।’’
हरियाणा के बलाली की रहने वाली फोगाट को पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम के फाइनल मैच के दिन अयोग्य घोषित होने के कारण पदक से वंचित होना पड़ा था।
हरियाणा के रोहतक में कुछ दिनों पहले फोगाट को सर्वखाप पंचायत ने स्वर्ण पदक से सम्मानित किया था।
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