पेरिस ओलंपिक में पाकिस्तान के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने के भाला फेंक खिलाड़ी अरशद नदीम की उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए कराची के निवासी बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल आए।
इस 27 साल के भाला फेंक खिलाड़ी ने 92.97 मीटर के रिकॉर्ड थ्रो के साथ ओलंपिक में पाकिस्तान के स्वर्ण पदक का 40 साल का सूखा खत्म किया। पाकिस्तान ने ओलंपिक में अपना पिछला स्वर्ण पदक 1984 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में हॉकी में हासिल किया था।
नदीम की सफलता के बाद कराची में ऐसा माहौल था जैसा कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम के विश्व कप या चैम्पियंस ट्रॉफी में खिताबी जीत के बाद देखने को मिला था। युवा जश्न मनाने के लिए सड़कों पर अपनी कारों के हॉर्न बजा रहे थे। सड़क पर जश्न मना रहे लोगों के हाथों में नदीम का पोस्टर और पाकिस्तान का झंडा था।
पंजाब के खानेवाल के ग्रामीण इलाके से आने वाले नदीम ने इससे पहले 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में अपने स्वर्ण पदक और पिछले साल की विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता है। नदीम के स्वर्ण पदक की पुष्टि होते ही सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया। भारत के गत चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर की थ्रो के साथ रजत पदक जीता।
नदीम की उपलब्धि पर कराची के मेयर मुर्तजा वहाब ने सिंध सरकार की ओर से उनके लिए पांच करोड़ नकद पुरस्कार की घोषणा की। वहाब ने कहा, ‘‘जब अरशद देश लौटेंगे तो हम कराची में उनके लिए एक शानदार स्वागत समारोह का आयोजन करेंगे।’’
उनकी मां ने अपने गांव में मीडियाकर्मियों से कहा कि जब वह घर लौटेंगे तो बड़ा जश्न मनाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘उसने न केवल हमें बल्कि पाकिस्तान को दुनिया में गौरवान्वित किया है और मैं उसके लिए केवल दुआ मांग सकती हूं।’’
नदीम कोहनी और घुटने की चोटों से जूझने के बाद और सीमित प्रशिक्षण सुविधाओं के साथ पेरिस गये थे। उन्हें एक अपनी सरकार से नया भाला उपलब्ध कराने की अपील भी करनी पड़ी क्योंकि उनका पुराना भाला खराब हो गया था।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने कहा “मुझे लगता है कि अरशद ने आज जो हासिल किया है वह सभी युवाओं के लिए एक बड़ा आदर्श होगा। युवा अब उनका अनुसरण करेंगे और ट्रैक एवं फील्ड में उनकी उपलब्धियों का अनुकरण करेंगे। युवा अब सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि अन्य खेलों में भी रुचि ले रहे हैं।’’
लॉस एंजिल्स ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पाकिस्तान की हॉकी टीम के सदस्य अयाज महमूद ने कहा कि उन्होंने जो देखा उस पर उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब हमारी हॉकी टीम ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में भी असफल रही, अरशद ने इन खेलों में पाकिस्तान का झंडा ऊंचा रखने के लिए कदम बढ़ाया।’’
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