नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को 16वीं राष्ट्रीय जनगणना को लेकर राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी, लेकिन इसके तुरंत बाद ही कांग्रेस ने इस अधिसूचना पर हमला बोल दिया।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी और महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह अधिसूचना दिखाती है कि मोदी सरकार सिर्फ दिखावे की राजनीति कर रही है, क्योंकि इसमें कोई नया ऐलान नहीं है—सिर्फ पहले से घोषित बातों को दोहराया गया है।
जयराम रमेश ने तीखा तंज कसते हुए कहा,
“यह अधिसूचना बिल्कुल वैसी ही है जैसे ‘खोदा पहाड़, निकली चुहिया’। इसमें न तो कोई नई बात है और न ही जातिगत जनगणना को लेकर कोई स्पष्टता।”
🔍 जातिगत जनगणना पर चुप्पी, कांग्रेस का सवाल – फिर पलटी मार दी क्या?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जनगणना की अधिसूचना में जातिगत जनगणना का कोई उल्लेख नहीं है।
“क्या यह फिर वही यू-टर्न है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाने जाते हैं?”
पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस के लगातार दबाव और सार्वजनिक मांग के चलते ही सरकार ने कुछ समय पहले जातिगत गणना की बात स्वीकार की थी, लेकिन अब फिर उस पर चुप्पी साध ली गई है।
📊 कांग्रेस ने उठाई तेलंगाना मॉडल की मांग
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि 16वीं जनगणना को केवल जातियों की संख्या तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए।
बल्कि तेलंगाना की तरह इसमें जातिवार सामाजिक और आर्थिक स्थिति को लेकर भी विस्तृत जानकारी ली जानी चाहिए।
जयराम रमेश ने कहा:
“तेलंगाना मॉडल में 56 सवाल पूछे गए थे। सवाल यह है कि 56 इंच की छाती का दावा करने वाले नेता में क्या इतना साहस और समझ है कि वो 56 सवाल पूछने की हिम्मत दिखा सकें?”
📆 दो चरणों में होगी जनगणना
सरकार की अधिसूचना के मुताबिक, भारत की 16वीं जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी:
लद्दाख और अन्य बर्फीले क्षेत्रों में: 1 अक्टूबर 2026 से
बाकी भारत में: 1 मार्च 2027 से
गौरतलब है कि पिछली बार जातिगत आधार पर जनगणना वर्ष 2011 में की गई थी।
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