कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसमें हर साल लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम प्रकार का कैंसर है। इसके लक्षणों को समय पर पहचानना बेहद जरूरी है ताकि इलाज जल्दी शुरू हो सके।
लेकिन क्या आपको पता है कि ब्रेस्ट कैंसर का कारण सिर्फ लाइफस्टाइल या जेनेटिक्स ही नहीं, बल्कि कुछ मेडिकल जांचें भी हो सकती हैं? जी हां, डॉक्टर बिस्वरूप रॉय चौधरी का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर के पीछे PET स्कैन जैसी जांच प्रक्रियाएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं।
आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
🚨 क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी के मुताबिक, ब्रेस्ट कैंसर के होने का एक बड़ा कारण उसका डायग्नोसिस भी हो सकता है।
PET स्कैन, रेडियोथेरेपी, और कुछ अन्य इमेजिंग तकनीकों से निकलने वाला रेडिएशन शरीर के स्वस्थ सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है।
ये रेडिएशन शरीर में कैंसर सेल्स के निर्माण को ट्रिगर कर सकते हैं, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टर कहते हैं कि रेडियोथेरेपी से गुजरने वाले मरीजों को अक्सर गर्भवती महिलाओं से दूर रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि थेरेपी के रेडिएशन से गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी खतरा हो सकता है।
इसका मतलब है कि कैंसर का इलाज करने वाली जांच और थेरेपी प्रक्रिया भी कभी-कभी स्वस्थ कोशिकाओं के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
⚠️ क्या PET स्कैन वास्तव में खतरनाक है?
PET स्कैन (Positron Emission Tomography) एक एडवांस मेडिकल इमेजिंग तकनीक है जो शरीर के विभिन्न अंगों में मौजूद किसी भी असामान्यता का पता लगाने के लिए की जाती है।
इस प्रक्रिया में रेडियोएक्टिव मैटेरियल का उपयोग किया जाता है, जो शरीर के अंदर जाकर अंगों की इमेजिंग में मदद करता है।
हालांकि यह स्कैन शरीर के मेटाबॉलिज्म को जांचने में प्रभावी है, लेकिन इससे निकलने वाला रेडिएशन कुछ मामलों में हानिकारक भी साबित हो सकता है।
डॉ. चौधरी के अनुसार, बार-बार PET स्कैन करवाने से शरीर में रेडिएशन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
🩸 ब्रेस्ट कैंसर के कुछ अन्य प्रमुख कारण:
अस्वस्थ लाइफस्टाइल:
शराब का अधिक सेवन
धूम्रपान और तंबाकू का उपयोग
मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
हार्मोनल कारण:
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT)
अनियमित मासिक धर्म चक्र
जेनेटिक फैक्टर्स:
अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर रहा है, तो जोखिम बढ़ जाता है।
डायग्नोस्टिक प्रक्रिया:
PET स्कैन, रेडियोथेरेपी और बार-बार कराए जाने वाले मैमोग्राम या अल्ट्रासाउंड
🚩 ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण (Early Signs of Breast Cancer):
स्तन में गांठ या कठोरता महसूस होना
ब्रेस्ट निप्पल्स के आकार में बदलाव
ब्रेस्ट की त्वचा में असामान्य बदलाव
स्तनों से अनियमित लिक्विड या खून का रिसाव
स्तन में लगातार दर्द या सूजन रहना
अगर इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
🔑 ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय (Prevention Tips):
हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज करें।
शराब और धूम्रपान से परहेज करें।
समय-समय पर ब्रेस्ट का सेल्फ-एग्जामिनेशन करें।
जरूरत न होने पर रेडिएशन-आधारित जांचों से बचें।
डॉक्टर की सलाह के बिना बार-बार PET स्कैन न करवाएं।
💬 अंत में:
“इलाज से बेहतर है बचाव!”
ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने के लिए सही जानकारी और सावधानी जरूरी है। रेडिएशन से जुड़े डायग्नोस्टिक टेस्ट्स, जैसे PET स्कैन, तभी कराएं जब डॉक्टर आवश्यक समझें। नियमित जांच, हेल्दी लाइफस्टाइल, और सही समय पर डॉक्टर की सलाह से आप इस गंभीर बीमारी से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
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