स्तन कैंसर यानि एक सामान्य बीमारियों में से एक है, जो ज्यादा तौर पर महिलाओं को प्रभावित करती है। पर यह बीमारी सिर्फ महिलाओ मे ही नहीं बल्कि पुरुषों मे भी होती है। CDC के अनुसार अमेरिका में हर साल 2000 पुरुषों में स्तन कैंसर का पता चलता है। पुरुषों में भी ब्रेस्ट टिश्यू होते हैं। ताजा उदाहरण हैं अमेरिकी सिंगर बियॉन्से के पिता माइकल नोअल्स जिन्हें ब्रेस्ट कैंसर डाइग्नोस हुआ था। यह में से किसी 1 पुरुष को होता है। दुनियाभर में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर केसेज में सिर्फ 1 प्रतिशत ही पुरुषों के मामले होते हैं।
महिलाओं और पुरुषों दोनों में ब्रेस्ट टिशू होता है। प्यूबर्टी आने पर पुरुषों में ऐस्ट्रोजेन हॉर्मोन का लेवल कम और टेस्टोस्टेरॉन का लेवल अधिक होता है इसलिए पुरुषों में ब्रेस्ट का डिवेलपमेंट नहीं होता। लेकिन ब्रेस्ट टिशू तो रहता है इसलिए ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क भी बना रहता है। मामले 60 या 70 साल की उम्र में देखने को मिलते हैं लेकिन भारत में 40-50 साल के पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले दिखते हैं।
पुरुष मे ये लक्षण आते है नजर
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दोनों महिलाओं और पुरुषों में एक जैसे होते है।
– चेस्ट या बगल में किसी तरह की गांठ या सूजन
– निपल से किसी तरह का डिस्चार्ज
पुरुषों मे रिस्क फैक्टर्स
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ाने के फैक्टर्स की बात करें तो मोटापा, खानपान की गलत आदतें, एक्सर्साइज न करना, स्मोकिंग और ड्रिंकिंग जैसी चीजें शामिल हैं।
टेस्ट और ट्रीटमेंट
ब्रेस्ट कैंसर की जांच करने के लिए मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड और लोकल ऐनिस्थिसीया की मदद से होने वाला ऑटोमेटेड ट्रू-कट बायॉप्सी शामिल है। टिशू डायग्नोसिस से बीमारी के स्टेज का पता लगाया जा सके और दूसरे टेस्ट्स बीमारी कितनी फैली है इसका पता लगाया जा सके।