कोलकाता – कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को 1 अगस्त से दोबारा शुरू करे। यह अहम फैसला मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति चैताली चटर्जी दास की खंडपीठ ने सुनाया।
गौरतलब है कि राज्य में मनरेगा योजना पिछले तीन वर्षों से ठप पड़ी हुई थी, जिससे लाखों ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल पा रहा था।
⚖️ अनियमितताओं की जांच जारी रहेगी
हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को स्पष्ट किया है कि पूर्व बर्धमान, हुगली, मालदा और दार्जिलिंग जैसे जिलों में पूर्व में सामने आई अनियमितताओं की जांच चलती रहेगी। इन क्षेत्रों में योजना के क्रियान्वयन में गंभीर गड़बड़ियों के आरोप लगे थे।
🛡️ सख्त शर्तों के साथ बहाली
कोर्ट ने कहा कि योजना लागू करने वाले अधिकारियों को यह अधिकार होगा कि वे कुछ विशेष शर्तें लागू करें, ताकि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, इस बात को भी सुनिश्चित किया जाए कि योजनाओं का लाभ वास्तविक ज़रूरतमंदों तक पहुंचे।
🔎 अदालत का उद्देश्य: जनहित में योजना का पुनः क्रियान्वयन
कोर्ट ने दो टूक कहा कि उसका मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य में मनरेगा योजना दोबारा चालू हो, क्योंकि यह योजना गरीबों के लिए आर्थिक सुरक्षा का अहम जरिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछली गड़बड़ियों को देखते हुए निगरानी और जवाबदेही की व्यवस्था मजबूत की जाए।
यह भी पढ़ें:
ठंडी गोभी गर्म मुसीबत! जानिए कोल्ड स्टोरेज वाली फूलगोभी खाने के नुकसान