बसपा नेता की बर्खास्तगी पर बवाल: मायावती ने दी सफाई, कहा- शादी से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं

हाल ही में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा एक नेता को निष्कासित किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया। चर्चाएं थीं कि नेता को पार्टी से इसलिए निकाला गया क्योंकि उनके बेटे की शादी समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक की बेटी से हुई थी। इस विवाद के बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने इस आरोप को पूरी तरह खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि पार्टी का किसी की शादी से कोई लेना-देना नहीं है।

शादी का विवाद: क्या है पूरा मामला?

बसपा की रामपुर इकाई के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सागर के बेटे की हाल ही में शादी आंबेडकर नगर के अलापुर से सपा विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से हुई। त्रिभुवन दत्त पहले बसपा के नेता थे, लेकिन 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले वे सपा में शामिल हो गए।

इस घटना के बाद खबरें फैलने लगीं कि सुरेंद्र सागर को उनके बेटे की शादी के चलते पार्टी से निकाला गया। इस पर सफाई देते हुए मायावती ने कहा कि बसपा कार्यकर्ता अपनी निजी जिंदगी में स्वतंत्र हैं और पार्टी का उनके रिश्तों से कोई संबंध नहीं है।

मायावती का बयान

मायावती ने इस मामले में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा,

“पार्टी सदस्यों को बसपा के पूर्व सांसद मुनकाद अली के बेटे की शादी में शामिल होने से रोका गया था, क्योंकि उनकी बेटी सपा के टिकट पर मीरापुर विधानसभा उपचुनाव लड़ी थीं।”

यह शादी सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा और पूर्व सांसद कादिर राणा के बेटे शाह मोहम्मद के बीच हुई थी। मायावती ने बताया कि चूंकि बसपा ने भी इस सीट पर चुनाव लड़ा था, इसलिए शादी में दोनों दलों के बीच टकराव की आशंका थी। इसी कारण बसपा ने सदस्यों को शादी से दूर रहने का निर्देश दिया, लेकिन इसे गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।

नेताओं के निष्कासन का असली कारण

मायावती ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि सुरेंद्र सागर और रामपुर के मौजूदा जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था।

“उनके आपसी झगड़े ने पार्टी के कामकाज पर बुरा असर डाला। इसलिए दोनों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इसका शादी से कोई लेना-देना नहीं है,” मायावती ने कहा।

संबंधों पर बसपा का रुख

मायावती ने जोर देकर कहा कि पार्टी का इस बात से कोई संबंध नहीं है कि पार्टी सदस्य किसके साथ रिश्ते बनाते हैं।

“लोगों को अपनी निजी जिंदगी में स्वतंत्रता है कि वे जहां चाहें, संबंध बना सकते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है, जो इस मुद्दे को गलत प्रचारित कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।

बसपा प्रमुख मायावती ने इस विवाद पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए पार्टी की स्थिति स्पष्ट कर दी है।