पेशाब में खून आना और त्वचा में बदलाव कैंसर के संभावित संकेत हो सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार ऐसा ही हो। ये लक्षण कई अन्य कारणों से भी हो सकते हैं। इसलिए, इन लक्षणों को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
पेशाब में खून आने के अन्य कारण
पेशाब में खून आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मूत्रमार्ग में संक्रमण: यह सबसे आम कारणों में से एक है।
- किडनी की पथरी: किडनी में पथरी होने पर पेशाब में खून आ सकता है।
- मूत्राशय में सूजन: मूत्राशय में सूजन होने पर भी पेशाब में खून आ सकता है।
- प्रोस्टेट की समस्याएं: पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्याएं पेशाब में खून का कारण बन सकती हैं।
- चोट: मूत्रमार्ग में चोट लगने से भी पेशाब में खून आ सकता है।
- कैंसर: कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कि किडनी कैंसर, मूत्राशय का कैंसर, या प्रोस्टेट कैंसर, पेशाब में खून का कारण बन सकते हैं।
त्वचा में बदलाव के अन्य कारण
त्वचा में बदलाव के भी कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- एलर्जी: कुछ खाद्य पदार्थों या रसायनों से एलर्जी होने पर त्वचा में बदलाव आ सकते हैं।
- संक्रमण: त्वचा में संक्रमण होने पर दाग, धब्बे या खरोंच हो सकते हैं।
- त्वचा रोग: सोरायसिस, एक्जिमा जैसी त्वचा रोगों के कारण भी त्वचा में बदलाव आ सकते हैं।
कब डॉक्टर को दिखाएं?
यदि आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- पेशाब में लगातार खून आ रहा है।
- पेशाब करने में दर्द हो रहा है।
- पेशाब की आदत में बदलाव आया है।
- त्वचा पर कोई भी दाग, धब्बा या खरोंच जो ठीक नहीं हो रही है।
- बिना किसी कारण के वजन कम हो रहा है।
- लगातार थकान महसूस हो रही है।
निदान
डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे और एक शारीरिक परीक्षण करेंगे। इसके अलावा, वे कुछ परीक्षण भी कर सकते हैं, जैसे कि:
- मूत्र परीक्षण: पेशाब में खून की मात्रा और संक्रमण की जांच के लिए।
- अल्ट्रासाउंड: मूत्राशय और किडनी की जांच के लिए।
- सीटी स्कैन: मूत्राशय और किडनी की अधिक विस्तृत छवियां प्राप्त करने के लिए।
- बायोप्सी: यदि कैंसर का संदेह है, तो डॉक्टर एक टिश्यू का नमूना लेने के लिए बायोप्सी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
पेशाब में खून आना और त्वचा में बदलाव हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होते हैं। हालांकि, इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपको ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जितनी जल्दी आप इलाज शुरू करेंगे, उतना ही बेहतर होगा।
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