LIC शेयरधारकों के लिए बड़ी खबर! सरकार बेच सकती है अपनी हिस्सेदारी

केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान जीवन बीमा निगम (LIC) में अपनी 2 से 3 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बिक्री एक बार में नहीं बल्कि कई छोटे-छोटे हिस्सों में की जा सकती है, जो बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगा। सरकार का लक्ष्य इस बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी का अधिकतम मूल्य प्राप्त करना है।

डीआईपीएएम की रणनीति
वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) पहले ही आगामी तीन वर्षों में होने वाले विनिवेश कार्यक्रम को लागू करने की तैयारी कर चुका है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एलआईसी जैसी वित्तीय संस्थाओं में अल्पसंख्यक हिस्सेदारी की बिक्री शामिल है। इसके लिए मर्चेंट बैंकरों और कानूनी सलाहकारों से परामर्श लिया गया है।

सेबी का दिशानिर्देश और तीन साल की समय-सीमा
LIC को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों का पालन करने के लिए तीन साल की मोहलत दी गई है। इसके तहत 16 मई, 2027 तक कंपनी को 10% सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करनी होगी। सभी सूचीबद्ध कंपनियों के लिए 25% सार्वजनिक हिस्सेदारी बनाए रखना अनिवार्य होता है, जिसके कारण यह विनिवेश किया जा रहा है।

नए नियमों के तहत 5 साल की राहत
हालांकि, नई सूचीबद्ध कंपनियों को इस नियम का पालन करने के लिए तीन साल का समय मिलता है। वहीं, जिन कंपनियों का पोस्ट-इश्यू मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹1 लाख करोड़ से अधिक होता है, उनके लिए न्यूनतम 25% सार्वजनिक शेयरधारिता (MPS) बनाए रखने की समय-सीमा बढ़ाकर पांच साल कर दी गई है। मई 2022 में सरकार ने IPO के जरिए LIC में 3.5% हिस्सेदारी बेची थी, जिससे करीब ₹21,000 करोड़ जुटाए गए थे।

LIC के शेयरों में भारी गिरावट
पिछले एक वर्ष में LIC के शेयरों में 23.29% की गिरावट आई है, जबकि वर्ष-दर-वर्ष (YTD) प्रदर्शन में 15.61% की गिरावट दर्ज की गई है। बीते 6 महीनों में स्टॉक 26.66% टूटा है, जबकि 3 महीने में 18.60% और पिछले 1 महीने में 3.37% की गिरावट देखी गई है।

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