पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के नकद स्कूल जॉब केस की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कई अभ्यर्थियों के बारे में खास जानकारी हासिल की है, जिन्होंने भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में खाली उत्तर पुस्तिकाएं जमा करने के बाद स्कूल जॉब हासिल की।
सीबीआई ने इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में हाल ही में दायर एक रिपोर्ट में संबंधित अभ्यर्थियों के नामों के साथ इस मामले में विस्तृत जानकारी भी दी। सूत्रों ने बताया कि खाली उत्तर पुस्तिकाएं जमा करने के बाद नौकरी पाने वाले ये अभ्यर्थी 2016 से 2022 के बीच की अवधि में परीक्षा में शामिल हुए थे।
ऐसे अभ्यर्थियों को मुख्य रूप से लिखित परीक्षा में इस्तेमाल की गई ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर) शीट में हेरफेर करके शामिल किया गया था, जिनमें से कई को उचित प्राधिकरण के बिना सबूत मिटाने के लिए नष्ट कर दिया गया था।
सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में सीबीआई के अधिकारियों ने एक खास उदाहरण का उल्लेख किया है कि कैसे कथित घोटाले के सरगनाओं ने स्कूली नौकरी हासिल करने के लिए पहले से ही पैसे देने वाले अभ्यर्थियों को डरा-धमकाकर पैसे वसूले थे।
सूत्रों ने बताया कि 2015 में 752 ऐसे अभ्यर्थियों के परिणाम तकनीकी आधार पर जानबूझकर रोक दिए गए थे, जबकि असल में उनका उद्देश्य उनसे अधिक पैसे ऐंठना था। बाद में जब उनके परिणाम प्रकाशित हुए, तो पाया गया कि 752 अभ्यर्थियों में से 300 अभ्यर्थी भर्ती के लिए योग्य पाए गए और उन्हें राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में नियुक्ति भी मिल गई। रिपोर्ट में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने इस बात का भी ब्योरा दिया है कि किस तरह से फर्जी वेबसाइट खोलकर पैसे देकर नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों का विश्वास जीता गया।
हाल ही में सीबीआई ने स्कूल में नौकरी के मामले में कोलकाता की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने पैसे देकर अभ्यर्थियों के लिए नौकरी की सिफारिशों की व्यक्तिगत रूप से जांच की। इसी आरोप पत्र में सीबीआई ने यह भी दावा किया था कि लिखित सिफारिशों के अलावा व्हाट्सएप और एसएमएस संदेशों के जरिए की गई सिफारिशों पर भी विचार किया गया।
इस मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा दाखिल आरोप पत्र के साथ संलग्न अनुलग्नकों में ऐसी सभी सिफारिशों का ब्योरा दिया गया है। जुलाई 2022 में स्कूल जॉब मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए चटर्जी को ईडी द्वारा दायर चार्जशीट में घोटाले के मुख्य सूत्रधार के रूप में भी पहचाना गया है। ईडी की चार्जशीट में उनके अलावा उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी और उनके दामाद अन्य आरोपी व्यक्तियों में शामिल हैं। चटर्जी की दिवंगत पत्नी के नाम पर बबली चटर्जी मेमोरियल ट्रस्ट नामक ट्रस्ट का भी ईडी की चार्जशीट में आरोपी इकाई के रूप में नाम है। आरोप है कि अवैध आय को इस विशेष ट्रस्ट को दान के रूप में दिखाया गया और इस तरह से डायवर्ट किया गया।